Child Marriage Registration Bill: राजस्थान सरकार ने विवादास्पद विवाह संशोधन बिल 2021 को वापस ले लिया है. इस विधेयक के जरिये राजस्थान में बाल विवाह को मान्यता और बढ़ावा देने का आरोप सभी सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों ने लगाया था.
राजस्थान सरकार ने हाल ही में विधानसभा से एक बिल पारित कराया था. राजस्थान सरकार की तरफ से पारित कराए गए इस बिल में बाल विवाह का रजिस्ट्रेशन कराए जाने को अनिवार्य किया गया था. राजस्थान के इस बिल पर तभी से विवाद शुरू हो गया था जब सरकार ने इसे पारित कराने के लिए विधानसभा में पेश किया था.
देशभर के सामाजिक संगठन का विरोध
विपक्ष के साथ ही देशभर के सामाजिक संगठन इस बिल का विरोध कर रहे थे. अब राजस्थान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर इस विवादित बिल को लेकर अपने कदम वापस पीछे खींचने का घोषणा कर दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा किया कि बाल विवाह रजिस्ट्रेशन बिल को राज्य सरकार वापस लेगी.
रजिस्ट्रेशन करने का प्रावधान
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साथ ही ये भी घोषणा किया है कि सरकार इस बिल को सहमति के लिए राज्यपाल के पास नहीं भेजेगी. गौरतलब है कि राजस्थान में अनिवार्य विवाह रजिस्ट्रेशन बिल में बाल विवाह का भी रजिस्ट्रेशन करने का प्रावधान सरकार की तरफ से किया गया था. जिसकी वजह से ये बिल विवादों में आ गया था.
विवाहों के अनिवार्य पंजीयन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश की भावना के अनुरूप ही राजस्थान विवाहों का अनिवार्य पंजीकरण (संशोधन) विधेयक,2021 लाया गया है।परंतु बाल विवाह को लेकर जो गलत धारणा बन गयी है,तो हम बिल को माननीय राज्यपाल महोदय से अनुरोध करेंगे कि इसे सरकार को पुनः लौटा दें
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 11, 2021
गहलोत सरकार ने क्या कहा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक विवाह का पंजीयन कराना जरूरी है. इससे पहले कई बाल विवाह हुए लेकिन उनका पंजीयन नहीं हुआ. हमारा उद्देश्य था कि इन बाल विवाह (child marriage) को पंजीकृत कर प्रॉपर्टी विवाद अर्चन को खत्म करना है. इस बिल पर पूरे देश में विरोध चल रही है, लेकिन बाल विवाह को बढ़ावा देना हमारा उद्देश्य नहीं है.
राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई
सामाजिक संगठनों ने बाल विवाह का रजिस्ट्रेशन कराए जाने की अनिवार्यता को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जहां मामले की सुनवाई चल रही है. राजस्थान विधानसभा में 17 सितंबर को शादियों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण संशोधन बिल को पारित किया गया था.
बाल विवाह अभी भी एक सामाजिक चुनौती
राजस्थान के सभी जिलों में बाल विवाह अभी भी एक सामाजिक चुनौती बनी हुई है. हालांकि साक्षरता बढ़ने और सरकारी प्रयासों की वजह से इस पर काफी हद तक रोक लग चुकी है.
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