आरबीआई ने रेपो रेट 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा, जानिए विस्तार से

Feb 5, 2021, 14:40 IST

आरबीआई गवर्नर ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी ग्रोथ रेट 10.5 प्रतिशत रखने का अनुमान जताया है. एमपीसी के सभी सदस्यों ने एकमत से ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला किया. 

RBI keeps repo rate unchanged at 4 percent in Hindi
RBI keeps repo rate unchanged at 4 percent in Hindi

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 05 फरवरी 2021 को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक बैठक में रेपो रेट चार प्रतिशत पर बरकरार रखा है. एमपीसी के सभी सदस्यों ने एकमत से ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला किया. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पॉलिसी का घोषणा करते हुए कहा कि एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को यथावत रखने का फैसला किया है.

आरबीआई गवर्नर ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी ग्रोथ रेट 10.5 प्रतिशत रखने का अनुमान जताया है. साथ ही चालू वित्त वर्ष की चैथी तिमाही में खुदरा महंगाई दर का लक्ष्य संशोधित कर 5.2 प्रतिशत कर दिया है. आपको बता दें कि आरबीआई की नजर राजकोषीय घाटे को कम करने पर है.

रेपो रेट: रेपो रेट वह दर है, जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है. बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश होने के बाद यह आरबीआई की पहली पॉलिसी है. सेंट्रल बैंक ने पिछले साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में 1.15 प्रतिशत की कटौती की है.

रिवर्स रेपो रेट: यह वह दर होती है जिसपर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है. रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है. रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 प्रतिशत पर ही रखा गया है.

एमएसएफ: आरबीआई ने पहली बार वित्त वर्ष 2011-12 में सालाना मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में एमएसएफ का जिक्र किया था. एमएसएफ में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

बैंक रेट: बैंक रेट वह दर है जिस पर आरबीआई व्यापारिक बैंको को प्रथम श्रेणी की प्रतिभूतियों पर कर्ज प्रदान करता है. बैंक रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह पहले की तरह ही 4.25 फीसदी है.

GDP ग्रोथ रेट 10.5 फीसदी रहने का अनुमान

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है, जबकि, आर्थिक सर्वे में इसे 11 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था. वहीं इस वित्त वर्ष जीडीपी में 7.7 प्रतिशत गिरावट का अनुमान जताया गया है.

नीतिगत दरों में संशोधन

आरबीआई ने आखिरी बार 22 मई 2020 को नीतिगत दरों में संशोधन किया था. उस समय मांग को प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक का इंतजार किए बिना ही दरों में कटौती की थी.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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