रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने अपने तेल-से-रसायन (O2C) कारोबार को एक स्वतंत्र सहायक कंपनी में स्थानांतरित करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. RIL O2C सहायक में 100 प्रतिशत प्रबंधन नियंत्रण बनाए रखेगा.
रिलायंस ने 22 फरवरी, 2021 को स्टॉक एक्सचेंजों में विनियामक फाइलिंग के दौरान यह घोषणा की है कि, सभी शोधन, विपणन और पेट्रोकेमिकल परिसंपत्तियों को तेल-से-रसायन (O2C) व्यावसायिक सहायक को हस्तांतरित किया जाएगा.
यह समूह O2C व्यवसाय में अपनी 49.14 प्रतिशत हिस्सेदारी जारी रखेगा और इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप कंपनी की शेयरधारिता में कोई बदलाव नहीं होगा.
मुख्य विशेषताएं
• रिपोर्टों के अनुसार, RIL और इसकी O2C सहायक कंपनी वर्ष, 2035 तक शुद्ध कार्बन शून्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करेगी.
• O2C व्यवसाय द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड को उपयोगी रसायनों और उत्पादों में परिवर्तित करने के लिए अगली पीढ़ी के कार्बन कैप्चर और स्टोरेज टेक्नोलॉजीज़ में निवेश करने की उम्मीद है.
• सहायक पारंपरिक कार्बन आधारित ईंधन से हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था में परिवर्तन की भी गति बढ़ायेगा.
• RIL की समेकित वित्तीय स्थिति, उधार, पूंजी की लागत, घरेलू AAA क्रेडिट रेटिंग और निवेश-ग्रेड अंतर्राष्ट्रीय पर विकास का कोई प्रभाव न पड़ने की उम्मीद है.
• यह विकास रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से मूल्य निर्माण की सुविधा भी प्रदान करेगा, जिसमें सऊदी अरामको के साथ सौदा शामिल है और यह निवेशक पूंजी के समर्पित पूलों को आकर्षित करेगा.
पृष्ठभूमि
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने यह कहा है कि, RIL के O2C के कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल निर्यातक, अरामको के साथ बातचीत चल रही है. इस पुनर्व्यवस्था के लिए अनुमोदन वित्त वर्ष, 2022 की दूसरी तिमाही तक होने की संभावना है.
इस पुनर्व्यवस्था के बाद रिलायंस रिटेल वेंचर्स में RIL की हिस्सेदारी 85.1 प्रतिशत और Jio प्लेटफॉर्म में 67.3 प्रतिशत होगी.
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