Russia-Ukraine War: आपको बता दें कि रूस ने यूक्रेन पर हमला (Russia-Ukraine War) बोल दिया है. पिछले 48 घंटों में बहुत तेजी से पूरी दुनिया के लिए घटनाक्रम में बदलाव हुआ है. रूस ने 24 फरवरी 2022 को सुबह यूक्रेन के कई इलाकों में हमला बोल दिया है. रूस ने यूक्रेन में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके दोनेत्स्क एवं लुहान्स्क को मान्यता दे दी है.
रूस ने यूक्रेन के ऊपर सैन्य हमला कर दिया है. इन सब के दौरान तीसरे विश्व युद्ध की आहट के बीच भारत के लिए भी चिंता के बादल मंडराने लगे हैं. यदि भारत में रह रहे लोग ये सोच रहे हैं कि पांच हजार किलोमीटर दूर, रूस-यूक्रेन के बीच जो कुछ चल रहा है उसका असर भारत पर नहीं होगा, तो ऐसा भी नहीं है. आपको बता दें कि इससे भारत भी अछूता नहीं रहेगा.
भारत का रिश्ता दोनों देशों से
भारत का रूस एवं यूक्रेन दोनों के साथ व्यापारिक रिश्ता है तथा भारत के काफी नागरिक इन दोनों देशों में रहते हैं. यूक्रेन में ज़्यादातर लोग भारत से पढ़ने जाते हैं. वही रूस में कई भारतीय पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी के लिए भी जाते हैं. दोनों देशों के बीच आपसी तनाव के कारण से ना केवल भारतीय नागरिकों को आने वाले दिनों में समस्या का सामना करना पड़ सकता है, बल्कि आपके और हमारे घर का बजट तक खराब हो सकता है.
रूस में भारतीय दूतावास के अनुसार, लगभग 14 हजार भारतीय रूस में रहते हैं. इनमें लगभग 5 हजार छात्र हैं. वहीं, लगभग 500 बिजनेसमैन हैं. ये बिजनेसमैन चाय, कॉफी, चावल और मसाले के व्यापार से जुड़े हैं. यूक्रेन में सबसे ज्यादा संख्या मेडिकल छात्र की है. लगभग 18 से 20 हजार छात्र यहां पढ़ते हैं. यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई भारत के मुकाबले आधे से भी कम ख़र्च पर हो जाती है.
भारतीय अर्थव्यवस्था पर बेहद बड़ा असर होगा
इस युद्ध का भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा असर देखा जा सकता है क्योंकि यदि ये लड़ाई तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ी तो व्यापारिक गतिविधियों पर निगेटिव असर अवश्य आएगा. आपको बता दें कि सबसे पहले कच्चे तेल के दाम जो पहले ही 101 डॉलर प्रति बैरल पर जा चुके हैं, उनमें और ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है और भारत के लिए ऐसा होना बेहद नकारात्मक साबित होगा. देश का आयात खर्च बढ़ेगा इसके चलते व्यापार घाटा भी और ऊपर जाएगा.
देश में बढ़ सकती है महंगाई
तेल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई पर भी प्रभाव आएगा और इसके चलते खाने-पीने की चीजों जैसे सब्जियों-फल, दालें, तेल आदि सभी महंगे होने के आसार हैं. भारत में रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध से महंगाई बढ़ने के आसार नजर आने लगे हैं.
प्राकृतिक गैस की कीमतें बढ़ेगी
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की कुल ईंधन खपत में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी करीब-करीब 6 प्रतिशत है. इस 6 प्रतिशत का 56 प्रतिशत भारत इंपोर्ट करता है. ये इंपोर्ट ज्यादातर कतर, रूस, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे जैसे देशों से होता है. रूस, पश्चिम यूरोप प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा निर्यातक है तथा इसी इलाके में पाइप लाइन बिछी हैं. यदि इस पाइप लाइन को कुछ होता है तो सप्लाई बाधित हो सकती है तथा कीमतें पर असर पड़ेगा.
इन चीजों पर पड़ सकता है असर
विश्व में सबसे ज्यादा रिफाइंड सूरजमुखी यूक्रेन से एक्सपोर्ट होता है. यूक्रेन के बाद रिफाइंड सप्लाई में रूस का स्थान है. दोनों देशों के बीच युद्ध लंबे समय चला तो घरों में उपयोग होने वाले सूरजमुखी तेल की किल्लत हो सकती है.
यूक्रेन का बाजार भारत के लिए फर्टिलाइजर के लिए भी बड़ा है. आपको बता दें कि यहां से बड़ी मात्रा में फर्टिलाइजर भारत आता है. साथ ही भारतीय नेवी के कुछ टर्बाइन भी यूक्रेन बेचता है. रूस से मोती, कीमती पत्थर तथा धातु का इंपोर्ट होता है.
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