दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने राष्ट्रपति पद के खिलाफ संसद में 8 अगस्त 2017 को अविश्वास प्रस्ताव के विरुद्ध जीत दर्ज की. चार सौ सदस्यीय संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर 384 सदस्यों ने मतदान किया. प्रस्ताव के विरुद्ध 198 और प्रस्ताव के पक्ष में 177 मत पड़े.
पिछले सात सालों में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा (75 वर्षीय) ने आठवीं बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना किया. 8 अगस्त 2017 को उनकी अपनी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) के कुछ सदस्यों ने विपक्षी दलों के साथ मिलकर वोट किया.
संसद में अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस का बहुमत होने के कारण एएनसी पिछले कई बार अविश्वास प्रस्ताव जीत गयी. इस बार कई एएनसी सदस्यों ने संकेत दिया था कि वे राष्ट्रपति जैकब जुमा के कथित रुप से भ्रष्टाचार में शामिल होने को लेकर विपक्ष के साथ खड़ होंगे.
हालांकि प्रस्ताव को एएनीसी के 50 सदस्यों का साथ नहीं मिला जो उसके सफल होने के लिए जरुरी है. राष्ट्रपति जैकब जुमा पर कथित रूप से भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के आरोप लगाए गए थे.
राष्ट्रपति जैकब जुमा ने बीते अप्रैल महीने में वित्तमंत्री प्रवीण गोरधन को विवादास्पद तरीके से उनके पद से हटा दिया, उसके बाद राष्ट्रपति जैकब जुमा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया.
राष्ट्रपति के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर सांसदों ने पहली बार गुप्त मतदान के माध्यम से अपनी राय व्यक्त की. वर्ष 2009 में जुमा ने राष्ट्रपति का पद संभाला. तब से अब तक छह बार उनके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया जा चुका. इससे पहले सभी पर मतदान सार्वजनिक रूप से किया गया.
जेकब ज़ूमा के बारे में-
जेकब गेडलीहलेकिसा ज़ूमा का जन्म 12 अप्रैल 1942 को हुआ.
जेकब ज़ूमा, शासी राजनीतिक दल अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) के अध्यक्ष हैं और 1999 से 2005 तक वे दक्षिण अफ्रीका के उप राष्ट्रपति रहे.
जेकब ज़ूमा, 18 दिसम्बर 2007 को पोलोकवाने में एएनसी के सम्मेलन में पदस्थ अध्यक्ष थाबो मबेकी को हराकर अध्यक्ष निर्वाचित किए गए.
ज़ूमा दक्षिण अफ्रीकी कम्युनिस्ट पार्टी के भी सदस्य रहे, उन्होंने 1990 में पार्टी छोड़ने तक अल्प अवधि के लिए पार्टी के पोलितब्यूरो में भी कार्य किया.
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