टॉप कैबिनेट मंजूरी: 08 मार्च 2019

Mar 8, 2019, 17:50 IST

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विश्वविद्यालय/कॉलेज को एक विभाग/विषय के बजाय एक इकाई मानते हुए केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक के कैडर में आरक्षण) अध्यादेश, 2019 की घोषणा के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दी है.

Top Cabinet Approvals: 8 March 2019
Top Cabinet Approvals: 8 March 2019

टॉप कैबिनेट मंजूरी: 08 मार्च

मंत्रिमंडल ने आईसीएआई तथा आईसीएईडब्ल्यू के बीच समझौता ज्ञापन के नवीकरण को मंजूरी दी

•   केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) तथा इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स इन इंग्लैंड एंड वेल्स के बीच 2008 में हस्ताक्षर किए गए तथा 2014 में नवीकृत समझौते को पूर्व प्रभाव से अपनी मंजूरी दे दी है. मंत्रिमंडल ने इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) तथा इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स इन इंग्लैंड एंड वेल्स के बीच समझौता ज्ञापन के नवीकरण को भी अपनी स्वीकृति दे दी है.

•   यह समझौता ज्ञापन अधिक से अधिक संख्या में युवा भारतीय चार्टड एकाउंटेंटों को आईसीएईडब्ल्यू की पेशेवर मान्यता के लिए प्रोत्साहित करेगा, ताकि युवा भारतीय चार्टड एकाउंटेंट ब्रिटेन में पेशेवर अवसरों का लाभ उठा सकें. यह बहुत गर्व की बात है कि अनेक भारतीय चार्टडेड एकाउंटेंट ब्रिटेन की कंपनियों में ऊंचे पदों पर काम कर रहे हैं. ब्रिटेन की कंपनियां आईसीएईडब्ल्यू की मान्यता के साथ भारतीय प्रतिभा और कौशल पर विश्वास करते हुए उन्हें अपनी यहां रखेंगी. भारत सरकार के लिए इसमें कोई वित्तीय अड़चन नहीं है.

•   इसका उद्देश्य सदस्यों, विद्यार्थियों तथा उनके संगठनों के हित में पारस्परिक लाभकारी संबंध विकसित करने के लिए काम करना है. यह समझौता ज्ञापन दोनों लेखा संस्थानों को पेशे की नई चुनौतियों के समाधान में नेतृत्व की भूमिका निभाने में विश्व पटल पर रखेगा. आईसीएआई का ब्रिटेन (लंदन) अध्याय ब्रिटेन में भारतीय चार्टडेड एकाउंटेंटों को सेवा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

 

भोपाल हवाई अड्डे पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की अतिक्रमण की गई 106.76 एकड़ भूमि को मध्य प्रदेश सरकार को सौंपने के लिये एएआई के प्रस्ताव को मंजूरी

•   केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भोपाल के गांधी नगर स्थित  भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की अतिक्रमण की गई 106.76 एकड़ भूमि को मध्य प्रदेश सरकार को सौंपने के लिये एएआई के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है. यह भूमि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पहले से सौंपी गयी  96.56 एकड़ भूमि के बदले में है. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शेष लगभग 10.20 एकड़ भूमि  एएआई को सौंपी जायेगी.

•   भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की अतिक्रमण की गयी 106.76 एकड़ भूमि के बदले, मध्य प्रदेश सरकार ने लगभग 96.56 एकड़ भूमि  देने के लिये अपनी सहमति व्यक्त की है, जो भोपाल हवाई अड्डे की मौजूदा भूमि से लगी है और एएआई द्वारा विमानन के प्रयोजन के लिये इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे एएआई की 106.76 एकड़ भूमि को मुक्त करने में मदद मिलेगी, जिसका इस्तेमाल मध्य प्रदेश राज्य सरकार विभिन्न प्रयोजनों के लिये कर रही है, जैसे सरकारी कार्यालयों की स्थापना, जन सुविधा सेवाएं और विस्थापित सिंधी परिवारों के पुनर्वास आदि के लिये.

•   अब तक, इस भूमि के बदले, राज्य सरकार विमानन प्रयोजनों के लिये भोपाल हवाई अड्डे से सटी 96.56 एकड़ भूमि एएआई को उपलब्ध कराने के लिये सहमत हुई है. इसके बाद, इस भूमि के बदले राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गयी भूमि का न्यायसंगत इस्तेमाल एएआई द्वारा विमानन संबंधी गतिविधियों के लिये किया जा सकता है. इसके फलस्वरूप इस प्रस्ताव से लोगों को काफी फायदा होगा.

 

कैबिनेट ने यूपीएससी और सीएससीएम के बीच सहमति-पत्र (एमओयू) को मंजूरी दी

•   केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और सिविल सर्विस काउंसिल ऑफ मंगोलिया (सीएससीएम) के बीच सहमति-पत्र (एमओयू) को स्वीकृति दे दी है.

•   इस एमओयू से सीएससीएम तथा यूपीएससी के बीच मौजूदा संबंध और ज्यादा मजबूत होंगे. इस एमओयू से भर्ती करने के क्षेत्र में दोनों ही पक्षों के अनुभवों और विशेषज्ञता को साझा करने में सुविधा होगी.

 

मंत्रिमंडल ने शिक्षक कैडर अध्यादेश, 2019 में आरक्षण को मंजूरी दी

•   केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विश्वविद्यालय/कॉलेज को एक विभाग/विषय के बजाय एक इकाई मानते हुए केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक के कैडर में आरक्षण) अध्यादेश, 2019 की घोषणा के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दी है. इस निर्णय से पात्र प्रतिभाशाली आवेदकों को आकर्षित करके उच्च शैक्षिक संस्थानों में शिक्षा के मानकों में सुधार होने की उम्मीद है.

•   इस निर्णय से अनुसूचित जातियों/ जनजातियों और सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए निर्धारित आरक्षण मानदंडों के साथ-साथ अनुच्छेद 14, 16 और 19 के संवैधानिक प्रावधानों को विधिवत रूप से सुनिश्चित करते हुए शिक्षक कैडर में सीधी भर्ती द्वारा 5000 से अधिक खाली पदों को भरने की अनुमति मिलेगी.

 

एमएचईपी के संबंध में ऋण पुनर्भुगतान की अवधि दो वर्ष बढ़ाने के लिए भारत और भूटान के बीच अनुबंध के अनुच्छेद 3 में संशोधन

•   केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मांग्डेछू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (एमएचईपी) के संबंध में ऋण पुनर्भुगतान की अवधि दो वर्ष बढ़ाने के लिए भारत और भूटान के बीच अनुबंध के अनुच्छेद 3 में संशोधन करने की मंजूरी दी है. ऐसा भूटान में इस परियोजना का कार्यान्वयन 15 वर्ष से बढ़ाकर 17 वर्ष करने के लिए किया जा रहा है.

•   भूटान में 720 मेगावाट एमएचईपी से विद्युत आयात के लिए पहले साल की दर सूची 4.12 भारतीय रुपया प्रति यूनिट है. एमएचईपी से भूटान द्वारा भारत को अधिशेष विद्युत की निश्चित रूप से आपूर्ति तथा भारत-भूटान आर्थिक संबंधों और विशेष रूप से पन-विद्युत सहयोग के क्षेत्र में परस्पर संबंधों और समग्र रूप से भारत-भूटान संबंधों को अधिक मजबूत बनाना है.

 

दीवानी और वाणिज्यिक मामलों में परस्पर कानूनी मदद(एमएलएटी) के लिए भारत और बेलारूस के बीच समझौते को मंजूरी

•   केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने दीवानी और वाणिज्यिक मामलों में परस्पर कानूनी मदद (एमएलएटी) के लिए भारत और बेलारूस के बीच समझौते को मंजूरी दे दी है. इसके अमल में आने के साथ ही समझौता करने वाले दोनों पक्षों के बीच दीवानी और वाणिज्यिक मामलों में परस्‍पर कानूनी मदद को बढ़ाव मिलेगा.

•   इसका मकसद दीवानी और वाणिज्यिक मामलों में कानूनी सलाह का अनुरोध करने वाले पक्षों के नागरिकों को लिंग, समुदाय और आय के मामलें में बिना भेदभाव किए लाभ पहुंचाना है.

 

कैंसर शोध पहल पर भारत और ब्रिटेन के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी

•   केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कैंसर शोध पहल पर भारत और ब्रिटेन के बीच समझौता ज्ञापन को अपनी मंजूरी दे दी है. इस समझौता ज्ञापन पर 14 नवंबर 2018 को हस्ताक्षर किए गए थे.

•   भारत-ब्रिटेन कैंसर शोध पहल क्लिनिकल शोध, जनसांख्यिकी शोध, नई टेक्नोलॉजी और शरीर विज्ञान के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के अग्रणी विशेषज्ञों को साथ लाकर किफायती, रोकथाम तथा कैंसर देखभाल जैसी शोध चुनौतियों की पहचान करेगी. यह पहल नये शोध गठजोड़ विकसित करने में पहल करेगी और कैंसर परिणामों के विरूद्ध प्रगति को सक्षम बनाने में प्रभावी शोध कार्य करेगी.

•   कैंसर परिणामों में सुधार के उद्देश्य के साथ प्रौद्योगिकी, बायोमेडिकल, क्लिनिकल तथा फार्मास्युटिकल नवाचारों में वृद्धि के बावजूद कैंसर देखभाल पर बढ़ते खर्च को पूरा करने में विश्व की बोझ से दबी स्वास्थ्य प्रणाली पूरी तरह से लैस नहीं हो पाएगी. भारत-यूके कैंसर शोध पहल ने श्रेष्ठ शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य सेवा संगठनों तथा संस्थानों को एक-दूसरे से जुड़ने में सहयोग के लिए रूपरेखा तय की है, ताकि कैंसर देखभाल के लिए उच्च मूल्य और कम लागत के बहु-विषयक शोध मंच तैयार हो सके.

 

प्रतिभूति अपीलीय पंचाट (एसएटी), मुंबई में तकनीकी सदस्य का पद सृजित करने की मंजूरी

•   केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रतिभूति अपीलीय पंचाट (एसएटी), मुंबई में तकनीकी  सदस्‍य का पद सृजित करने की मंजूरी दे दी है. यह पद भारत सरकार के सचिव स्‍तर का होगा. पद के लिए वेतनमान 2,25,000 रूपए (निर्धारित) अथवा सातवें वेतन आयोग के पे-मैट्रिक्स के लेवल 17 के अनुसार होगा.

•   तकनीकी सदस्‍य का पद सृजित होने से एसएटी में एक अतिरि‍क्‍त पीठ का गठन किया जा सकेगा. इससे भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड,  भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (इरडा) तथा पेंशन  निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की ओर से एसएटी के समक्ष बड़ी संख्‍या में आने वाली अपीलों का त्‍वरित निबटान संभव हो सकेगा. इसका फायदा पेंशन भोगियों, निवेशकों और आम लोगों को मिलेगा.

•   देश में प्रतिभूति बाजार और बीमा क्षेत्र का तेज विकास हो रहा है. प्रतिभूति बाजार में बड़ी संख्‍या में खरीद और बिकवाली (ट्रेडिंग) होने तथा बीमा क्षेत्र में निवेशकों की संख्‍या बढ़ने से इनसे संबधित शिकायतों की संख्‍या भी बढ़ने की संभावना है. ऐसे में इन शिकायतों के त्‍वरित निबटान के लिए एक सक्षम प्रणाली की आवश्‍यकता है. ऐसा होने से पेशंन, बीमा और प्रतिभूति बाजार से जुड़ी आम लोगों की शिकायतों को जल्‍दी निबटाया जा सकेगा.

 

व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और जर्मनी के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी

•   केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने व्यावसायिक सुरक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य (ओएसएच) क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और जर्मनी के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दे दी है. समझौता ज्ञापन का 13 नवंबर 2018 को नवीकरण किया गया था.

•   समझौता ज्ञापन से दोनों देशों के बीच विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई प्रशिक्षण तकनीक अपनाने और जोखिमों से निपटने में काफी मदद मिली है. समझौता ज्ञापन के तहत निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र में व्यावसायिक और स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ के माध्यम से जर्मनी की सामाजिक दुर्घटना बीमा के जरिए काफी मदद मिल रही है.

•   इस समझौते से श्रम मंत्रालय के तकनीकी विभाग - कारखाना सलाह सेवा और श्रम संस्थान महानिदेशालय के कौशल विकास और व्या वसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में मुख्य निरीक्षक कारखाना अधिकारी की सेवाओं को और बेहतर बनाया जा सकेगा. इससे भारतीय श्रम बल के लिए उभरती हुई चुनौतियों से निपटने के लिए ओएसएच के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए प्रयोगशालाओं का उन्नयन और सुरक्षा के मामले में ओएसएच के मानकों का विकास सुनिश्चित हो सकेगा.

 

मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण की परियोजना को मंजूरी दी

•   केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण की परियोजना को मंजूरी दी है. इसमें 3 कॉरिडोर होंगे. इन तीनों कॉरिडोर की लम्बाई 61.679 किलोमीटर है. कुल 61.679 किलोमीटर में 22.359 किलोमीटर परियोजना भूमिगत और 39.320 किलोमीटर परियोजना का एलिवेटिड खंड के रूप में निर्माण किया जाएगा. इन कॉरिडोर में 46 स्टेशन होंगे. इनमें 17 स्टेशन भूमिगत और शेष 29 स्टेशन एलिवेटिड होंगे.

•   तीनों मेट्रो कॉरिडोर की कुल लागत 24,948.65 करोड़ रुपये होगी. यह परियोजना दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएमआरसी) तथा भारत सरकार के विशेष उद्देश्य वाहन (एसपीवी) और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) की मौजूदा 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी से लागू की जाएगी.

 

बिहार में 1320 मेगावाट की बक्सर ताप विद्युत परियोजना के लिए निवेश प्रस्ताव को स्वीकृति 

•   मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति ने बिहार के बक्सर जिले में 2x660 मेगावाट की बक्सर ताप विद्युत परियोजना (बक्सर टीपीपी) के लिए निवेश प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दे दी है. यह परियोजना 10,439,09 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरी की जाएगी.

•   परियोजना एसजेवीएन थर्मल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लागू की जाएगी. एसजेवीएन थर्मल प्राइवेट लिमिटेड भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत मिनी रत्न प्रतिष्ठान एसजेवीएन लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है.

•   बक्सर ताप विद्य़ुत परियोजना सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी और इसमें 660 मेगावाट की दो इकाईयां होंगी. यह परियोजना पर्यावरण रक्षा के लिए नवीनतम उत्सर्जन नियंत्रण टेक्नोलॉजी से लैस होगी और इसमें उच्च क्षमता के साथ विद्युत उत्पादन में ईंधन का कम उपयोग होगा. बक्सर टीपीपी बिहार तथा पूर्वी क्षेत्र में विद्युत की कमी की स्थिति में सुधार लाएगी. बिहार सरकार ने उत्पादित विद्युत का 85 प्रतिशत सप्लाई के लिए विद्युत खरीद समझौता पर पहले ही हस्ताक्षर किया है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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