टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 18 दिसंबर 2019 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से-नागरिकता (संशोधन) कानून और ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल आदि शामिल हैं.
Supreme Court ने नागरिकता कानून पर रोक लगाने से किया इनकार, जानें क्या कहा कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में नागरिकता (संशोधन) कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान इस कानून पर रोक लगाने से साफ तौर पर मना कर दिया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है.
संशोधित नए कानून के मुताबिक, धार्मिक प्रताड़ना के चलते 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं अफगानिस्तान से भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा तथा उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी.
श्रीराम लागू मराठी थिएटर के बहुत ही अच्छे कलाकार थे. वे पेशे से डॉक्टर भी थे. वे प्रगतिशील और तर्कसंगत सामाजिक कारणों को आगे बढ़ाने में भी बहुत मुखर एवं सक्रिय रहे हैं. उन्होंने और सामाजिक कार्यकर्ता जीपी प्रधान ने भ्रष्टाचार-विरोधी अन्ना हजारे के समर्थन में उपवास किया था.
श्रीराम लागू ने अपने कैरियर में लगभग 100 से ज्यादा हिंदी फिल्में और 40 से ज्यादा मराठी फिल्मों में काम किये है. उन्हें साल 1978 में फिल्म ‘घरौंदा’ हेतु सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चूका है.
सुप्रीम कोर्ट ने ‘निर्भया’ केस में चारों अभियुक्तों की मौत की सजा बरकरार रखी
सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिसंबर 2019 को अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है साल 2017 के फैसले पर पुनर्विचार करने का कोई आधार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद चारों दोषियों पवन, मुकेश, अक्षय और विनय की फांसी को लेकर ‘डेथ वारंट’ जारी करने का रास्ता बिल्कुल साफ हो गया है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस भानुमति की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. इन बेंच में जस्टिस आर भानुमति के साथ जस्टिस अशोक भूषण तथा एएस बोपन्ना भी शामिल हैं. कोर्ट ने कहा कि इस केस के ट्रायल एवं जांच में कोई खामी नहीं है.
डीआरडीओ ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का किया सफल परीक्षण, जानिए इसकी खासियत
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को जमीन एवं हवाई प्लेटफार्मों से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया. डीआरडीओ ने इसमें मिसाइल एयर फ्रेम, फ्यूल मैनेजमेंट सिस्टम को डिजाइन किया था. इस ब्रह्मोस मिसाइल को जमीन, समुद्र तथा आकाश तीनों जगहों से दागा जा सकता है.
ब्रह्मोस मिसाइल के समुद्री तथा थल संस्करणों का पहले भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है. इस मिसाइल की मारक क्षमता बहुत ही अचूक है. इस मिसाइल को डीआरडीओ लगातार अपग्रेड कर रहा है. इस मिसाइल को भारतीय सेना तथा भारतीय नौसेना को सौंपा जा चुका है.
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