टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 23 मार्च 2021 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय उड़ान परिचालन और कोरोना वायरस आदि शामिल हैं.
DGCA ने लिया बड़ा फैसला, 30 अप्रैल तक जारी रहेगा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध
डीजीसीए ने कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय उड़ान परिचालन पर लगे प्रतिबंध की अवधि को बढ़ाकर 30 अप्रैल 2021 तक कर दिया है. हालांकि, मामले की गंभीरता के आधार पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा चयनित मार्गों पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की अनुमति दी जा सकती है.
देश में कोरोना महामारी का प्रभाव फिर से बहुत तेजी से बढ़ा है. कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण देश के कई राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति पैदा हो गई है. डीजीसीए ने कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाने का फैसला लिया है.
CJI के लिए मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने की जस्टिस एनवी रमना के नाम की सिफारिश
सीजेआई बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर होने वाले हैं. उन्होंने इससे पहले ने सरकार को न्यायमूर्ति रमना के नाम की सिफारिश भेजी है. हाल ही में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस सिलसिले में सीजेआई से उनके उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने को कहा था.
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस रमना का 26 अगस्त 2022 तक कार्यकाल है. मानक प्रक्रिया के तहत मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता के आधार पर होती है. न्यायाधीश बोबडे ने 18 नवंबर 2019 को देश के 47वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी.
भारतीय सेना को मिलेगी ताकत, अगले 4 साल में मिलेंगी 1,300 लड़ाकू गाड़ियां
रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को लेकर सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. वाहनों को शामिल करने का काम चार साल में पूरा करने की योजना है. मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने ‘मेक इन इंडिया’ को और बढ़ावा देते हुए भारतीय सेना के लिए 1,300 हल्के विशेषज्ञ वाहनों की आपूर्ति के लिए एमडीएसएल के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए.
यह रक्षा उद्योग की स्वदेशी विनिर्माण क्षमताओं को प्रदर्शित करने वाली एक प्रमुख परियोजना है. यह समझौता सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान और मेक इन इंडिया की पहल में एक और मील का पत्थर जोड़ेगी. भारतीय थलसेना, सेना की भूमि-आधारित दल की शाखा है.
हिमालय के ग्लेशियरों के घनत्त्व का अनुमान लगाने के लिए भारत करेगा हवाई रडार सर्वेक्षण
भारत ग्लेशियरों की मोटाई/ घनत्त्व का अनुमान लगाने के लिए हिमालय के ग्लेशियरों के हवाई रडार सर्वेक्षण करने की योजना बना रहा है. हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति बेसिन में एक पायलट अध्ययन किया जाएगा. इसके बाद, सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र उप-घाटियों में भी इसी तरह के अध्ययन किए जाएंगे.
हिमालय में स्थित ग्लेशियरों और देश की ऊर्जा सुरक्षा के बीच उच्च स्तर की निर्भरता है. देश की लगभग 33 प्रतिशत तापीय बिजली और 52 प्रतिशत जलविद्युत हिमालय से निकलने वाली नदियों के पानी पर निर्भर है. इन नदियों को ग्लेशियरों से पानी की काफी अधिक मात्रा प्राप्त होती है, जो उन्हें भारत की ऊर्जा सुरक्षा का एक अनिवार्य हिस्सा बनाती है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation