केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 जून 2016 को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है. यह फैसला 1जनवरी 2016 से प्रभावी रहेगा. अब केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी 23.55 फीसदी तक बढ़ जाएगी. यह बढ़ोतरी पिछले 70 साल में आयोगों की सिफारिशों में सबसे कम बताई जा रही है.
स्वीकृत सिफारिशें निम्न है:
• वेतन आयोग ने कर्मचारियों का न्यू:नतम वेतन 18000 रुपए प्रति माह करने की सिफारिश की है.
• वेतन आयोग ने कर्मचारियों का अधिकतम 225000 रुपये (कैबिनेट सचिव और इस स्तर के अधिकारी के लिए 250000 रुपये) की सिफारिश की है.
• वेतन आयोग की रिपोर्ट में मौजूदा कर्मचारियों के मूल वेतन में 16%, भत्तों में 63% और पेंशन में 24% इजाफे किया गया है.
• कर्मचारियों के लिए वार्षिक वेतन वृद्धि की दर 3 प्रतिशत किया गया है.
• नए वेतन ढांचे में सातवे वेतन आयोग ने छठे वेतन आयोग की शुरू की गई ‘पे ग्रेड’ व्यवस्था खत्म कर इसे वेतन के मैट्रिक्स (ढांचे) में शामिल कर दिया है और कर्मचारी का पद अब ग्रेड पे की जगह नए ढांचे के वेतन से तय होगा.
• आयोग ने ‘पे बैंड' और ‘ग्रेड पे' की प्रणाली खत्म करने की सिफारिश की है और वेतन में वार्षिक 3 प्रतिशत की वृद्धि की व्यवस्था को बरकरार रखा है. इसके साथ ही सभी कर्मचारियों के लिए 2.57 के फिटमेंट-फैक्टर लागू करने की सिफारिश की है.
• 7वें वेतन आयोग ने सैन्य बलों की तर्ज पर केंद्र सरकार के हर विभाग में वन रैंक वन पेंशन लागू किए जाने की सिफारिश की है. आयोग ने अपनी सिफारिश में कहा है कि ओआरओपी न सिर्फ सेना बल्कि अर्धसैनिक बलों और सिविल सेवाओं में भी लागू किया.
• ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की गई और जब कभी महंगाई भत्ता (डीए) 50 प्रतिशत तक बढ़ेगा तो ग्रैच्यूटी की सीमा में 25 प्रतिशत की वृद्धि की है.
• शॉर्ट सर्विस कमीशन के अधिकारियों को सेवा के 7 से 10 वर्ष के बीच नौकरी छोड़ने की अनुमति होगी.
• आयोग ने कर्मचारियों व पेंशनभोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना की सिफारिश की है. इस बीच, सीजीएचएस का फायदा नहीं पा रहे पेंशनभोगियों के लाभ के लिए सीजीएचएस को उन अस्पतालों को अपने पैनल में शामिल करना चाहिए जो इन पेंशनभोगियों की नकदीरहित चिकित्सा जरूरतें पूरी करने के लिए सीएस (एमए) ईसीएचएस के तहत पैनल में हैं.
• डाक विभाग के सभी पेंशनभोगियों को सीजीएचएस के दायरे में लाया और सभी डाक डिस्पेंसरीज को सीजीएचएस में समाहित कर दिया.
• केंद्रीय कर्मियों की सामूहिक बीमा योजना के तहत अंशदान की दर और बीमा का कवरेज उपयुक्त तरीके से बढ़ाया गया है. इसके तहत उच्चतम वेतन स्तर पर मासिक कटौती 120 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 5,000 रुपए और बीमा कवरेज 1.2 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की गई है.
• वेतन ढांचे में सबसे निचले स्तर पर यह कटौती 30 से बढ़ाकर 1500 रुपए और बीमा कवरेज 30,000 से बढ़ाकर 15 लाख रुपए की गई है. आयोग की सिफारिशों के अनुसार, अब कर्मचारियों को बिना ब्याज वाले अग्रिम की कोई सुविधा नहीं मिलेगी और मकान खरीदने के लिए ब्याज वाले अग्रिम की सीमा 7.5 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी गई है.
• संशोधित सुनिश्चित करियर प्रगति (एमएसीपी) के तहत आयोग ने प्रस्ताव किया है कि जो कर्मचारी एमएसीपी या प्रथम 20 वर्ष की सेवा के बाद नियमित प्रोन्नति के मानकों को पूरा नहीं करेंगे, उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि नहीं मिलेगी. आयोग ने कार्य प्रदर्शन पर आधारित वेतन (पीआरपी) की भी सिफारिश की है जो सभी दर्जे के कर्मचारियों के लिए होगी.
• कर्मचारी की मृत्यु पर परिवार के निकटतम व्यक्ति के लिए एकमुश्त मुआवजा की दरों में भी संशोधन का सुझाव दिया है जो रक्षा बलों के कर्मचारियों और असैन्य कर्मचारियों व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मचारियों के लिए समान रूप से लागू होगा.
• नई पेंशन योजना से जुड़ी शिकायतों को देखते हुए आयोग ने योजना की कार्यप्रणाली में सुधार करने और शिकायत निवारण व्यवस्था करने की सिफारिश की है.
• सभी सीएपीएफ कर्मियों के लिए सेवानिवृत्ति की उम्र 60 साल होना चाहिए.
पृष्ठभूमि:
7वें केन्द्रीय वेतन आयोग को तत्कालीन केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और रक्षा एवं रेलवे सहित केंद्र सरकार के पेंशनरों के पारिश्रमिक को संशोधित करने हेतु फरवरी 2014 में स्थापित किया गया.
सरकार ने अपने कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन करने के लिए प्रत्येक 10 वर्ष पर वेतन आयोग का गठन करती है और कुछ संशोधनों के बाद अधिकांश सिफारिशों राज्यों द्वारा अपना लिया जाता है.
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