CM Yogi Big Decision: मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी में हुई धांधली के बीच यूपी की योगी सरकार भी पेपर लीक को लेकर एक्शन में दिख रही है. योगी सरकार ने राज्य में पेपर लीक को रोकने के लिए कड़े फैसले लेनें जा रही है. बता दें की मिली खबरों के अनुसार जल्द ही पेपर लीक को लेकर सख्त कानून बनाने जा रही है. इस कानून के दायरे में पेपर लीक कराने वाले और साल्वर गैग के लोग शामिल होंगे. नए कानून के तहत बताया जा रहा है कि इसकी तहत उनकी गतिविधियों को भी ट्रैक किया जायेगा.
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भारी जुर्माना और चल सकता है बुलडोजर:
मीडिया में चल रही खबरों की माने तो पेपर लीक गतिविधियों में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है, जिसके लिए कानूनों में होने वाले बदलाव पर सरकार विचार कर रही है. पेपर लीक जैसी एक्टिविटी में पकड़े गए लोगों पर एक करोड़ या इससे अधिक का जुर्माना लगाया जा सकता है साथ ही उनके घरों में बुलडोजर भी चलाया जा सकता है.
यूनिक बारकोड और सीरियल नंबर से होगी कोडिंग:
राज्य सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी और धांधली को रोकने के लिए ऐसी व्यवस्था करने जा रही जिससे राज्य में आगामी परीक्षाएं बिना किसी गड़बड़ी के करायी जा सके. सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है जिससे हर एक परीक्षा की पली के लिए पेपर के एक से अधिक सेट जरुर रहे.
पेपर प्रिंटिंग के तरीकों में भी बदलाव:
पेपर सेट को लेकर भी सरकार में अहम कदम उठाया है, पेपर प्रिंटिंग की जिम्मेदारी एक ही एजेंसी के न देकर अलग-अलग एजेंसी से करायी जाएगी. साथ ही पेपर कोडिंग भी अलग तरीके से की जाएगी. सभी क्वेश्चंस पेपर गोपनीय कोड के साथ तैयार किये जायेंगे. यानी यूनिक बारकोड क्यूआर कोड, और सीरियल नंबर का उपयोग किया जायेगा. साथ ही पेपर के लाने ले जाने के लिए बॉक्स टेंपर प्रूफ पैकेजिंग का उपयोग किया जायेगा.
एग्जाम सेंटर को लेकर भी सरकार सख्त:
कई बार ऐसा होता है कि एग्जाम सेंटर से भी धांधली की खबरें आती है ऐसी स्थिति में सरकार परीक्षाओं के सेंटर के चयन के लिए भी सजग हो गयी है. मिली जानकरी के अनुसार, एग्जाम सेंटर के लिए राजकीय माध्यमिक, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज या साफ-सुथरे ट्रैक रिकॉर्ड वाले ख्याति प्राप्त संस्थानों को परीक्षा कराने के लिए चुना जायेगा. साथ ही सेंटर वहीं होंगे, जहां सीसीटीवी की व्यवस्था होगी.
मंडल के बाहर होगी परीक्षा:
सूत्रों की माने तो, नए नियमों के अनुसार, छात्रों को परीक्षा के लिए अपने गृह मंडल से बाहर जाना होगा. बता दें कि दिव्यांगों और महिला परीक्षार्थियों को इसमें छूट जाएगी. बता दें कि जिस किसी भी परीक्षा में 4 लाख से अधिक छात्र होंगे, ऐसी परीक्षाएं दो पालियों में करायी जाएँगी. लेकिन पीसीएस परीक्षा के लिए छूट है. ओएमआर शीट की स्कैनिंग के नियमों में भी बदलाव किये गए है. जिससे बिना किसी गड़बड़ी के परीक्षाओं का आयोजन कराया जा सके.
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