Article 370 और Article 35A हटाए गये: जानिए जम्मू-कश्मीर में क्या होंगे बदलाव?

Aug 6, 2019, 12:33 IST

जम्मू-कश्मीर में Article 370  और Article 35A हटाए जाने के बाद बहुत से बदलाव होंगे.  आइए जानते हैं कैसी होगी नये जम्मू-कश्मीर की तस्वीर. 

Image Source: ANI
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केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने की घोषणा की है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा इस सिफारिश को मंजूरी भी दे दी गई है. आर्टिकल 370 को लेकर लंबे समय से देश में बात चलती रही है. इसके जम्मू-कश्मीर पर प्रभाव को समझने से पहले आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35A को समझना जरुरी है.

आर्टिकल-370

• भारतीय संविधान जम्मू-कश्मीर को धारा 370 के तहत विशेष दर्जा प्रदान करता है. इसके प्रावधानों के तहत संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से सम्बन्धित क़ानून को लागू करवाने के लिये केन्द्र को राज्य सरकार की सहमति आवश्यक है.
• आर्टिकल 370 के चलते जम्मू-कश्मीर पर भारत का संविधान बाध्य नहीं था तथा राष्ट्रपति को राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकारी भी नहीं था.
• यह आर्टिकल 370 का ही परिणाम था कि जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता (भारत और कश्मीर) होती है. भारत की संसद के पास जम्मू-कश्मीर के बेहद सीमित क्षेत्र में ही क़ानून बनाने का अधिकार है.

आर्टिकल-35A

• यह आर्टिकल विभिन्न कारणों से विवाद का विषय रहा है क्योंकि इसके तहत राज्य किसी व्यक्ति विशेष को विभिन्न अधिकार दिए जा सकते हैं अथवा समाप्त किये जा सकते हैं. तत्कालीन राष्ट्रपति के आदेश के तहत आर्टिकल 35A को मई 1954 में संविधान में जोड़ा गया.
• आर्टिकल 35-A जम्मू-कश्मीर विधान सभा को स्थायी नागरिक की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है. राज्य जिन नागरिकों को स्थायी घोषित करता है केवल वही राज्य में संपत्ति खरीदने, सरकारी नौकरी प्राप्त करने एवं विधानसभा चुनावों में मतदान का अधिकार रखते हैं.
• 1954 के जिस आदेश से आर्टिकल 35A को संविधान में जोड़ा गया था, वह आदेश आर्टिकल 370 की उपधारा (1) के अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा पारित किया गया था.

जम्मू-कश्मीर पर संभावित प्रभाव

आर्टिकल 370 और 35-A को समाप्त किये जाने से जम्मू-कश्मीर राज्य में दूरगामी परिणाम देखने को मिल सकते हैं. सबसे पहले तो जम्मू-कश्मीर दो हिस्सों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बंट जायेगा. जिस प्रकार लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया है उससे क्षेत्र में विकास होने तथा पर्यटन बढ़ने के आसार भी लगाए जा रहे हैं. अभी तक जो क्षेत्र देश से पृथक रहते थे वह केंद्र शासित प्रदेश घोषित हो जाने पर मुख्यधारा में शामिल हो जायेंगे.

जानिये क्या होंगे बदलाव?

पहले

अब

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था.

अब जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बन जायेगा.

जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता थी.

अब वे केवल भारत के नागरिक होंगे.

केवल जम्मू-कश्मीर के लोगों को जम्मू-कश्मीर में भूमि खरीदने-बेचने का हक था.

कोई भी भारतीय नागरिक जम्मू-कश्मीर में जाकर भूमि अथवा प्रॉपर्टी खरीद या बेच सकता है.

किसी भी ‘बाहरी’ व्यक्ति को जम्मू-कश्मीर में स्थायी तौर पर निवास करने की अनुमति नहीं थी.

भारत का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में जाकर बस सकता है.

पहले आरटीआई भी फ़ाइल नहीं की जा सकती थी.

अब किसी भी सरकारी दफ्तर में आरटीआई दायर की जा सकती है.

विधानसभा का सत्र छह वर्ष का था.

अब विधानसभा पांच वर्ष चलेगी.

जम्मू-कश्मीर का अपना पृथक ध्वज था.

अब केवल तिरंगा ही फहराया जायेगा.

जम्मू एवं कश्मीर का अलग संविधान था.

अब कोई अलग संविधान नहीं होगा तथा भारत का एकीकृत संविधान ही लागू होगा.

लद्दाख पहले जम्मू-कश्मीर का भाग था.

लद्दाख को एक पृथक केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया है.

पहले राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख था.

अब यह पद समाप्त करके उपराज्यपाल को संवैधानिक प्रमुख बनाया जायेगा.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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