अमेरिका की केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने अपने ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के निदेशक मंडल की अध्यक्ष जेनेट येलेन ने 16 दिसंबर 2015 को इसकी घोषणा की. फेडरल रिजर्व द्वारा करीब सात सालों की रिकॉर्ड गिरावट के बाद पहली बार ब्याज दरों में वृद्धि की घोषणा की गई.
उपरोक्त फैसले के तहत फेडरल रिजर्व ने अपनी प्रमुख दर में 0.25 फीसदी का इजाफा कर इसे 0.5 फीसदी कर दिया. इससे पहले करीब सात साल तक यह दर शून्य के करीब थी जिसकी शुरुआत वर्ष 2008 के वित्तीय संकट के समय हुई थी. दर में किए गये इस इजाफे से उपभोक्ताओं और व्यापारिक संस्थाओं को कुछ कर्ज पर थोड़ी ज्यादा दरें चुकानी पड़ सकती हैं.
फेडरल रिजर्व के फैसले का भारत पर प्रभाव:
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरी व इसमें धीरे-धीरे और बढ़ोतरी का उल्लेख अनुमान के अनुरुप है. इसके लिए भारत पूरी तरह तैयार है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा यह पिछले एक दशक में की गयी पहली बढ़ोतरी है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी का संकेत मिलता है. इससे विश्व बाजार में अनश्चितता खत्म होने और भविष्य के लिए समावेशी परिदृश्य से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के नीति निर्माताओं को मदद मिलेगी. फेडरल रिजर्व का अर्थव्यवस्था में सुधार का भरोसा भारतीय निर्यात विशेष तौर पर सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए अच्छी खबर है.
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