बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने ईक्विटी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में निवेश की अनुमति देने के संबंध में एक ड्राफ्ट जारी किया. यह ड्राफ्ट विनिवेश का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण है.
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के शेयर ईक्विटी ईटीएफ में ट्रांसफर करके इस लक्ष्य को पूरा करने की योजना बना रही है. आशा की जाती है कि लगभग 11 पीसीयू ईक्विटी ईटीएफ में होंगे और शेयर बेचकर सरकार पीसीयू स्टॉक्स की अस्थिरता कम कर देगी.
ड्राफ्ट के मुख्य दिशानिर्देश
• ईक्विटी ईटीएफ भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) में पंजीकृत और सेबी (पारस्परिक निधियाँ) विनियम, 1996 द्वारा नियंत्रित पारस्परिक निधियों (म्यूचुअल फंड्स) की योजनाओं तक सीमित होंगे.
• ईक्विटी ईटीएफ में किया जाने वाला कोई निवेश म्यूचुअल फंड्स में किया गया निवेश समझा जाएगा.
• ईक्विटी ईटीएफ म्यूचुअल फंड्स में निवेश पर लागू वर्तमान निवेश-मानदंडों के अंतर्गत आएँगे.
• म्यूचुअल फंड्स में ईक्विटी ईटीएफ सेबी के साथ पंजीकृत होने चाहिए.
• ईक्विटी ईटीएफ किसी एकल कंपनी में फंड का 15% से ज्यादा अंश धारण नहीं कर सकते और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि किसी सेक्टर में कुल निवेश 30% से ज्यादा नहीं हो सकता.
• ईक्विटी ईटीएफ राष्ट्रव्यापी टर्मिनल रखने वाले कम से कम दो एक्सचेंजों में लिस्टेड होने चाहिए और उनमें कोई विदेशी निवेश नहीं होना चाहिए.
ईक्विटी ईटीएफ फंड्स
ईक्विटी ईटीएफ वे फंड्स होते हैं, जिनका यूनिट-मूल्य अंडरलाइंग ईक्विटी शेयर्स के समूह (बास्केट्स) से निकाला जाता है. इन प्रतिभूति-समूहों में ईटीएफ के स्वरूप के आधार पर अंतर होता है.
ईटीएफ और अन्य प्रकार के इंडेक्स फंड्स में मुख्य अंतर यह होता है कि ईटीएफ अपने तदनुरूपी इंडेक्स से आगे निकलने की कोशिश नहीं करते, बल्कि महज उसके निष्पादन को दोहराते हैं. ईटीएफ का इस्तेमाल करने का लाभ यह है कि ईटीएफ एक सिंगल स्टॉक की ट्रेडिंग करनी की सरलता के साथ एक विविधीकृत पोर्टफोलियो की रेंज को सम्मिलित करते हैं.
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