उत्तर प्रदेश सरकार ने 18 नवम्बर 2015 को 75 में से 50 जिलों को सूखा ग्रस्त घोषित किया. इसके साथ ही सूखा प्रभावित जिलों के किसानों से लिए जाने वाले सभी ऋण भी माफ़ किये जाने की घोषणा की गयी.
जून 2015 से सितम्बर 2015 के बीच जिन जिलों में 60 प्रतिशत से कम वर्षा हुई उन्हें सूखा ग्रस्त घोषित किया गया. जिन जिलों में 33 प्रतिशत से अधिक फसलें नष्ट हो गयी हैं उसे भी सूखाग्रस्त श्रेणी में रखा गया है.
इनमें से 33 जिलों में 40 से 60 प्रतिशत बारिश रिकॉर्ड की गयी जबकि 16 जिलों में यह औसत 40 प्रतिशत से कम था.
यह निर्णय प्राकृतिक आपदा समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया गया. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकारी विभागों को चिन्हित जिलों में राहत कार्य आरंभ किये जाने के आदेश भी जारी किये.
सरकार ने जिला न्यायाधीशों को आदेश जारी करते हुए स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए कहा तथा साथ ही यह भी ध्यान रखने के लिए कहा कि राज्य में किसानों को राजस्व वसूली के नाम पर परेशान न किया जाए.
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