राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने 29 अक्टूबर 2015 को 18 दवाओं का अधिकतम मूल्य निर्धारित किया. जिनमे मधुमेह नाशक एनटी डायबेटिक मेटफोर्मिन एचसीएल गोलियाँ, जीवाणुरोधी सेफ्टरीएक्सोन सोडियम इंजेक्शन के अलावा 18 अन्य दवाएं हैं.
दवाओं का अधिकतम मूल्य निर्धारण औषध मूल्य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ) 2013 के तहत किया गया.
मूल्य निर्धारण का यह कदम कुछ दवाओं जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप और निमोनिया जैसी गंभीर संक्रमण के उपचार के लिए प्रयोग की जाने वाली दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया.
दवा मूल्य निर्धारण नियामक, एनपीपीए का कहना है कि परिवार नियोजन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली हार्मोन रिलीजिंग दवाएं इंटर यूटरिन डिवाइस (आईयूडी),एंटी वोमेटीन्ग डिसइंटीग्रेटिंग स्ट्रिप्स की कीमतों को भी संशोधित किया जाए. एनपीपीए ने प्रमुख दवा कंपनियों में निर्मित दवाओं को भी इस मूल्य निर्धारण प्रक्रिया में शामिल करने का सुझाव दिया है.
वर्ष 2014 से व्यापक रूप से दवा की कीमतों में कटौती से भारत में कई दवा निर्माता प्रभावित हुए हैं, किक दवा निर्माताओं ने इसका विरोध किया है. विरोध करने वाले दवा निर्माताओं का कहना है कि देश में दवा की कीमते दुनिया में पहले ही सबसे कम हैं.
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