अमेरिका की फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने भारतीय विमानन की सुरक्षा रेटिंग 31 जनवरी 2014 को घटा दी. सुरक्षा रेटिंग को शीर्ष से दूसरी श्रेणी में रख दिया गया. इससे भारतीय विमानों के अमेरिका के लिए उड़ानों के विस्तार पर असर पड़ेगा.
रेटिंग में इस तरह नीचे किए जाने का मतलब है कि भारतीय विमानन नियामक अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन, जो कि एक अमेरिकी एजेंसी है, द्वारा तय किए गए सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतर रहे.
नागरिक उड्डयन महानिदेशक ( डीजीसीए) के एफएए द्वारा सितंबर और दिसंबर 2013 में कराए गए लेखा परीक्षण में उठाए गए सभी 33 सवालों के जवाब न दे पाने के कारण भारतीय विमानन की रेटिंग कम कर दी गई है. एफएए द्वारा भारत की सुरक्षा रैंकिंग में की गई कटौती से एयर इंडिया और जेट एयरवेज द्वारा वर्तमान में संचालित अमेरिका के लिए उड़ानों और अमेरिकी एयरलाइनों के साथ कोड– शेयर संबंध प्रभावित होंगे.
हालांकि इसका अर्थ यह नहीं है कि ये विमान सेवाएं यात्रा के लिए असुरक्षित हैं बल्कि यह है कि जीडीसीए की सुरक्षा निगरानी पर्याप्त नहीं है. एफएए ने पिछले कुछ वर्षों में अपने करीबी सहयोगियों इजरायल, मैक्सिको, वेनेजुएला और फिलीपींस की भी सुरक्षा रेटिंग को घटाया है. रेटिंग घटाने का उद्देश्य देशों को अपने नियामक योजनाओं को दुरुस्त करना है न कि आसन्न सुरक्षा समस्याओं के लिए चेतावनी.
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