सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के केंद्रीय मंत्री कालराज मिश्रा ने 16 जून 2014 को लघु और मध्यम उद्योगों (एसएमई) के लिए ऑनलाइ वित्त सुविधा केंद्र (ओएफएफसी) का शुभारंभ किया. ओएफएफसी भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की एक पहल है. इस केंद्र का शुभारंभ एसएमई के लिए वित्त और ऋण सुविधा के उद्देश्य के साथ किया गया था.
ऑनलाइन वित्त सुविधा केंद्र (ओएफएफसी)
• यह केंद्र वन– स्टॉप– शॉप की तरह काम करेगा. इसमें विभिन्न प्रमुख वित्तीय संस्थानों से एसएमई के लिए सामूहिक वित्तपोषण विकल्प होंगें.
• यह देशभर के एसएमई को प्रलेखन औऱ विश्वसनीय परियोजना प्रस्तावों की तैयारी की सुविधा भी देगा.
• पूरी की हुई अपने ग्राहक को पहचानें (केवाईसी) कसौटी से बैंकों/ वित्तीय संस्थानों को त्वरित वितरण में मदद करेगा.
एसएमई को ऋण मुहैया कराने के लिए ओएफसीसी सात वित्तीय संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगी. ये संस्थान हैं– इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, फेडरल बैंक, मुथुट फिन्कॉर्प लिमिटेड, रेलिगेयर फिनवेस्ट, डीसीबी बैंक, एक्जिम बैंक और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर.
सीआईआई ने यह कदम माधव लाल की अध्यक्षता में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग क्षेत्र में विनिर्माण को तेज करने के लिए बने अंतर मंत्रालयी पैनल की सिफारिश के बाद उठाया है.
पैनल ने सिफारिश की थी कि मंत्रालय और विभागों को एमएसएमई के लिए एकल खिड़की के रूप में सेवा देनी चाहिए और बैंकों को इन क्षेत्रों में ऋण प्रवाह को बढ़ाने में मदद करनी चाहिए.
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