केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 9 सितम्बर 2015 को देश में व्हाइट लेबल एटीएम की स्थापना के लिए 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी प्रदान की. व्हाइट लेबल एटीएम नॉन-बैंकिंग उद्यमों द्वारा स्थापित किये जाते हैं.
अनुमोदन मार्ग के माध्यम से पहले ली जाने वाली मंजूरी के विपरीत कैबिनेट द्वारा ऑटोमेटिक रूट द्वारा विदेशी निवेश को मंजूरी दी गयी है.
किसी नॉन-बैंकिंग उद्यम द्वारा व्हाइट लेबल एटीएम की स्थापना के लिए उसके पास मौजूदा वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ रूपए का वित्तीय बजट होना आवश्यक है जिसे हर समय बनाए रखना आवश्यक है.
टिप्पणी
नीतिगत दिशानिर्देशों में यह परिवर्तन मुख्य रूप से टीयर 3 से 6 तक सभी शहरों को आर्थिक विस्तार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया है.
एटीएम मशीनों की विस्तृत उपलब्धता से प्रधानमंत्री जन धन योजना का बड़े स्तर पर लाभ उठाया जा सकेगा जिसमें कैश लेन-देन तथा गैर-वित्तीय सेवाओं के वितरण के लिए लोगों तक पहुंच बनाई जा सकेगी.
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