केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 20 फरवरी 2014 को समान अवसर आयोग (इक्वल ऑपर्चुनिटी कमिशन–ईओसी) की स्थापना को मंजूरी दी. ईओसी का प्रस्ताव भारत के मुस्लिम समुदाय के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति पर बनाई गई जस्टिस सच्चर समिति जो कि केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के तहत आता है, की सिफारिशों पर की गई है.
समान अवसर आयोग अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की सरकारी एजेंसियों द्वारा भेदभाव संबंधी शिकायतों का निपटारा करेगा. इसकी भूमिका सलाहकार की होगी और निजी एजेंसियां इसके अधिकार क्षेत्र में नहीं होंगीं. ईओसी में तीन सदस्य होंगें और उच्च न्यायलय के सेवानिवृत्त जज इसके अध्यक्ष होंगें. इसके पास किसी भी प्रकार के दंड देने का अधिकार नहीं होगा.
सच्चर समिति के बारे में
• भारत के मुस्लिम समुदाय के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति पर बनाई गई जस्टिस सच्चर समिति की स्थापना मार्च 2005 में हुई थी.
• समिति ने 2006 में अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें यह लिखा गया था कि हालांकि देश की जनसंख्या में मुस्लिमों का प्रतिशत 18.5 है फिर भी नौकरशाही में उनका प्रतिनिधित्व सिर्फ 2.5 प्रतिशत ही है.
• सच्चर समिति ने बताया कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग गैर– राज्य एजेंसियों के खिलाफ की जाने वाली रोजाना की शिकायतों पर गौर नहीं कर सकती इसलिए वे समान अवसर आयोग (ईओसी) की सिफारिश कर रहे हैं.
• सच्चर समिति ने ईओसी की सिफारिश सभी लोगों के लिए की है.
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