जापान की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेनटेटिव्स को 16 नवंबर 2012 को भंग कर दिया गया. जापान में 16 दिसंबर 2012 को आम चुनाव होना है.
संसद के अध्यक्ष ताकाहिरो योकोमिकी ने नरेश एकिहितो के हस्ताक्षर वाला शाही आदेश संसद में पढ़कर सुनाया. आदेश में सदन भंग किए जाने की बात कही गई.
जापान की संसद के लिए पिछली बार चुनाव अगस्त 2009 में हुआ था. तब जापान के पिछले 50 वर्ष के इतिहास में पहली बार सत्तारूढ़ लिबरल-डेमोक्रेटिक पार्टी को पराजित कर विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी सत्ता में आई थी.
सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए सबसे मुश्किल दौर तब शुरू हुआ जब 11 मार्च 2011 को जापान में भयानक भूकम्प और सूनामी आने के बाद फ़ुकुशीमा-1 बिजलीघर में दुर्घटना घटी. विशेषज्ञों के अनुसार उन दिनों तत्कालीन प्रधानमंत्री नाओतो काना के ज़बर्दस्ती किए जा रहे हस्तक्षेप के कारण उन्हें सही निर्णय लेने में कठिनाई हुई. सितम्बर 2011 में नाओतो काना की जगह योसिहीको नोदा जापान के प्रधानमंत्री बने. योसिहीको नोदा को देश में उपभोग टैक्स लगाने का मुश्किल निर्णय लेना पड़ा. इस निर्णय के कारण ही डेमोक्रेटिक पार्टी के 50 सांसदों ने पार्टी छोड़ दी और अब सरकार को मध्यावधि चुनाव करवाने पड़ रहे हैं.
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