जैव दाह संस्कार की खबर हाल ही में सुर्खियों में रही, क्योंकि बेल्जियम और नीदरलैंड जैसे कुछ देश दाह संस्कार के इस विधि को वैध बनाने की योजना बना रहे हैं. अब तक, इसे (जैव दाह संस्कार को) सिर्फ अमेरिका और कनाडा ने ही कानूनी रूप दिया है. वर्ष 2011 में फ्लोरिडा दाह संस्कार घर, जैव दाह संस्कार करने वाला दुनिया का पहला स्थान बना था और तब से अब तक अमेरिका के 3000 से ज्यादा लोगों ने दाह संस्कार की इस प्रक्रिया को चुना है.
जैव दाह संस्कार एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मानव शरीर को राख की बजाए तरल में बदलना सुनिश्चित किया जाता है. इस प्रक्रिया को रासायनिक हाइड्रोलिसिस के रूप में भी जाना जाता है. यह शरीर के अंतिम संस्कार के लिए मौजूद प्रवृत्ति के विपरीत एक पर्यावरण अनुकूल विकल्प है.
प्रक्रिया
फिलहाल, देश में मृत शरीर का कानूनी रूप से दाह संस्कार सिर्फ दफानाकर या जलाकर किया जा सकता है. जैव दाह संस्कार प्रौद्योगिकी में आग के प्रयोग की जगह पानी का प्रयोग किया जाता है, और इसे पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (केओएच) के क्षार सॉल्यूशन के साथ मिलाया जाता है.
प्रक्रिया में मृत मानव शरीर के दाह संस्कार के लिए आग या जीवाश्म ईंधन की बजाए 95 फीसदी पानी और 5 फीसदी क्षार का इस्तेमाल किया जाता है. मृत शरीर को स्टेनलेस स्टील के दाह संस्कार चैम्बर में रखा जाता है जहां पानी (95 फीसदी), और क्षार (5 फीसदी) होता है, इसमें ताप और दबाव दिया जाता है. जैव दाह संस्कार के इस संयोजन को शरीर को धीरे– धीरे हड्डियों के टुकड़ों में बदलने और फिर रोगाणुहीन घोल (स्टेराइल सॉल्यूशन) में बदलने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. औसतन एक वयस्क शरीर के जैव दाह संस्कार में 2–3 घंटे का वक्त लगता है. दाह संस्कार चक्र के पूरा होने पर, हड्डियों को सुखा लिया जाता है और उसे पाउडर में बदला जाता है जिसे फिर संबंधित परिवार को वापस दे दिया जाता है.
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