नासा ने 2013 वाईपी 139 नामक एक खतरे की संभावना वाला क्षुद्रग्रह 29 दिसंबर 2013 को खोजा. यह पहले नासा के नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट वाइड-फील्ड इन्फ्रारेड सर्वे एक्सप्लोरर (एनईओडब्ल्यूआईएसई उर्फ नियोवाइज) द्वारा खोजा गया. नासा ने इसकी पुष्टि 15 जनवरी 2014 को की.
एरिजोना विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने खोज की पुष्टि के लिए टक्सन के दक्षिण-पश्चिम में किट पीक नेशनल ऑब्जर्वेटरी में स्पेसवॉच टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया.
2013 वाईपी 139 पृथ्वी से लगभग 43 मिलियन किलोमीटर दूर है. इन्फ्रारेड ब्राइटनेस के आधार पर 2013 वाईपी 139 का व्यास में 650 मीटर है. यह कोयले की तरह बेहद काला है. नियोवाइज के उन्नत सॉफ्टवेयर द्वारा अचल तारों की पृष्ठभूमि में इस घूमते हुए पिंड को पाया गया.
क्षुद्रग्रह सौर प्रणाली के समतल पर मौजूद दीर्घवृत्ताकार कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करता है. इसकी कक्षा के लिए उसे पृथ्वी से 482803 किलोमीटर तक नजदीक लाना संभव है, जो चाँद की दूरी से थोड़ा ही ज्यादा है. किंतु यह उतना नजदीक अगली शताब्दी के दौरान नहीं आएगा.
नियोवाइज
नियोवाइज को मूलत: वाइड-फील्ड इन्फ्रारेड सर्वे एक्सप्लोरर (डब्ल्यूआईएसई उर्फ़ वाइज) कहा जाता था, जिसने क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं का अभी तक सबसे ज्यादा विशद सर्वेक्षण किया है. वर्ष 2010 में और 2011 के प्रारंभ में नियोवाइज ने 34000 से ज्यादा क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं का पता लगाया. और 158000 क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं के सौर प्रणाली में लक्षण बताए. 31 महीनों की 'शीतनिद्रा' के बाद यह सितंबर 2013 में सक्रिय हुआ था.
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