केंद्रीय विज्ञान एवं टेक्नोलाजी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने साइऐनोबैक्टीरियल जैव ईंधन टेक्नोलाजी, सूक्ष्म शैवाल से जैव ईंधन, लिंगो-लिग्नोसेलुलोलिक जैवभार से ईंधन तथा तकनीकी-आर्थिक तथा जीव चक्र विश्लेषण पर अनुसंधान लिए वर्चुअल सेंटर/ डीबीटी पैन सेंटर को औपचारिक रूप से 3 सितम्बर 2015 को लांच किया.
विज्ञान एवं टेक्नोलाजी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने पांच भारतीय प्रौद्योगिक संस्थानों (आईआईटी) – बॉम्बे, खड़गपुर ,गुवाहाटी, जोधपुर, तथा रुड़की में जैव ऊर्जा के लिए वर्चुअल सेंटर- डीबीटी पैन सेंटर लांच किया. सहयोगी अनुसंधान के लिए पहले वर्चुअल सेंटर से एडवांस जैव ईंधन टेक्नॉलोजी के विभिन्न विषयों में अनुसंधान को बल मिलेगा.
एडवांस जैव ऊर्जा के लिए डीबीटी- आईओसी केन्द्र, फरीदाबाद, ऊर्जा जैव विज्ञान के लिए डीबीटी-आईसीटी सेन्टर, मुम्बई तथा एडवांस जैव ऊर्जा के लिए डीबीटी-आईसीजीईबी सेंटर, नई दिल्ली के अतिरिक्त यह डीबीटी द्वारा स्थापित चौथा जैव ऊर्जा केन्द्र है. अनवेषणकर्ताओं की भागीदारी की दृष्टि से यह केन्द्र चार जैव ऊर्जा केन्द्रों से बड़ा है.
इस केन्द्र का उद्देश्य भारत में जैव ऊर्जा उद्योग के साथ आपसी लाभ के संबंध को विकसित करना है. इस केन्द्र का मुख्य उद्देश्य जैव ईंधन के क्षेत्र में एडवांस टेक्नॉलाजी विकसित करना है, जिससे ऊर्जा संकट के सतत समाधान का मार्ग प्रशस्त हो.
विदित हो कि उपरोक्त सहयोग की शुरूआत जनवरी 2015 में की गई और इसमें पांच संस्थानों के 32 अनवेषणकर्ताओं का एक अनुसंधान दल बनाया गया जो जैव ऊर्जा पर काम कर रहा है तथा सभी अनवेषणकर्ता साइऐनोबैक्टीरियल जैव ईंधन टेक्नोलाजी, सूक्ष्म शैवाल से जैव ईंधन,- लिंगो-लिग्नोसेलुलोलिक जैवभार से ईंधन तथा तकनीकी-आर्थिक तथा जीव चक्र विश्लेषण जैसे विषयों पर संयुक्त रूप से अनुसंधान गतिविधियां हेतु कार्यरत है.
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