भारत ने जापानी मस्तिष्क ज्वर के लिए देश में तैयार पहला टीका 4 अक्टूबर 2013 को बाजार में उतारा. स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने नई दिल्ली में इस टीके को आम जनता के लिए जारी किया. भारत बायोटेक के इस टीके का नाम जेनवैक रखा गया.
इस टीके का विकास एक नवाचारी और आत्मनिर्भर प्रौद्योगिकी के केन्द्र के रूप में किया गया. इस टीके को राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान की सहायता से एक निजी कंपनी ने बाजार में उतारा है.चिकित्सा के क्षेत्र में इसे भारत की एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. टीके के निर्माता का दावा है कि अत्यंत शुद्ध रूप से निष्क्रिय टीका महामारी के दौरान बिना किसी प्रतिकूल प्रभाव के आशंका के मरीजों को दिया जा सकता है.
जापानी मस्तिष्क ज्वर से संबंधित मुख्य तथ्य
जापानी बुखार मच्छर के जरिए मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली एक वायरल बीमारी है. आमतौर पर माना जाता है कि बरसात का मौसम इसके मच्छरों के फैलने के लिए सबसे माकूल समय होता है. इसके विषाणु रक्त कोशिकाओं पर काफी खतरनाक असर डालते हैं और यही वजह है कि इससे प्रभावित लगभग आधे मरीजों की मौत हो जाती है. बच गए मरीज भी कई शारीरिक विकारों से ग्रस्त हो जाते हैं.
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