यूरोपीय संघ (ईयू) ने 18 मई 2015 को लीबिया से संचालित होने वाली तस्करी तथा अवैध प्रवास संबंधी संकट से निपटने के लिए नौसेनिक बलों की सहायता लेने की मंजूरी प्रदान की.
गैर कानूनी प्रवास में लिप्त लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करने का यह निर्णय ब्रुसेल्स में आयोजित यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियो की बैठक में लिया गया.
ईयू के विदेश नीति प्रमुख फ़ेडेरिका मोघेरिनी के अनुसार यह ऑपरेशन जून 2015 में रोम स्थित मुख्यालय से इटालियन एडमिरल एनरिको क्रेदेंदिनो की अगुवाई में आरंभ किया जायेगा, वे ईयू का सोमालिया एंटी-पाइरेसी मिशन तथा ऑपरेशन अटलांटा संचालित कर चुके हैं.
इस नौसेनिक अभियान में लीबिया के तट पर युद्धपोतों की तैनाती और निगरानी विमान शामिल होंगे. इसका संचालन तीन चरणों में किया जाएगा.
तस्करों की खुफिया जानकारी जुटाई जाएगी
तस्करों की नौकाओं का निरीक्षण एवं पहचान किया जायेगा
नावों का यूरोप तक पहुँचने से पहले विनाश किया जायेगा. इससे तस्करों के नेटवर्क तथा उनके व्यापार को नष्ट किया जा सकेगा.
यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि यूरोपीय संघ लम्बे समय से अफ्रीका और पश्चिम एशिया से हो रहे अवैध प्रवासन की समस्या का सामना कर रहा है जिसके अंतर्गत अवैध प्रवासियों को गैर कानूनी तरीके से यूरोप तक पहुँचाने के लिए भूमध्य सागर को पार किया जाता है.
इसके अतिरिक्त यूनाइटेड किंगडम (यूके) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा तस्करी के खिलाफ सैन्य बल का उपयोग करने के लिए बनाए जा रहे मसौदे को तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है.
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