वैज्ञानिकों ने क्लोनिंग से आसान तकनीक का उपयोग कर रोग प्रतिरोधी पशु सुअर (पिग-26) तैयार किया. इस नई तकनीक का नाम जीन संपादन (Gene Editing) है और पिग-26 इस तकनीक का उपयोग करके तैयार किया गया पहला पशु है. पिग-26 का जन्म दिसंबर 2012 में एडिनबर्ग स्थित रोसलिन संस्थान में हुआ था, यह वही स्थान है जहां वर्ष 1996 में क्लोन तकनीक से भेड़ डॉली का जन्म हुआ था.
जीन संपादन (Gene Editing) तकनीक से संबंधित मुख्य तथ्य
• यह तकनीक अन्य तकनीकों से अधिक तेज है.
• इस तकनीक से जन्में पशु को अफ्रीकी स्वाइन फीवर नहीं हो सकता है, अफ्रीकी स्वाइन फीवर से किसी की भी 24 घंटे के भीतर मृत्यु हो सकती है.
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