केंद्र सरकार ने नागरिकता कानूनों में बदलाव का फैसला किया. इस संबंध में 18 अगस्त 2013 को विज्ञप्ति जारी की गयी. विदित हो कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2011 राज्य सभा में 13 अगस्त 2013 को पारित किया गया था.
सरकार द्वारा किये जा रहे संशोधनों के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो कि पहले से पाकिस्तान या बांग्लादेश का नारिक हो या रह पहले रह चुका हो, उसे प्रवासी भारतीय कार्डधारक के रूप में पंजीकृत नहीं किया जाएगा. साथ ही, प्रवासी भारतीय के रूप में मान्यता प्राप्त नागरिकों को मूल भारतीय नागरिकों को मिलने वाले रोजगार के अवसरों के समान अधिकार प्राप्त नहीं होगा एवं वे किसी भी स्थान से भारत की विधायिका के सदस्य नहीं बन सकेंगे.
नागरिकता संशोधन विधेयक 2011 के अनुसार किसी दूसरे देश की नागरिकता वाले सिर्फ उसी व्यक्ति को प्रवासी भारतीय के रूप में पंजीकृत किया जाएगा जो कि भारतीय संविधान के लागू होने के समय या इसके पश्चात कभी भारत का नागरिक रहा हो.
इसके अतिरिक्त नागरिकता संशोधन विधेयक 2011 के अनुसार जो भारतीय वर्तमान में किसी दूसरे देश के नागरिक हों एवं जिनका विवाह विदेशों में पंजीकृत हो, उनके पति या पत्नी को भी प्रवासी भारतीय के रूप में पंजीकृत किया जाएगा.
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