हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष कंवर पाल ने 21 अप्रैल 2015 को हरियाणा के यमुनानगर जिले के रोलाहेरी गांव में 50 करोड़ रूपये की लागत वाली सरस्वती नदी पुनरूत्थान परियोजना का उदघाटन व खुदाई कार्य की शुरूआत की.
सरस्वती पुनरुद्धार परियोजना की सुविधाएँ
• पहले चरण में सरस्वती नदी के खुदाई का काम रोलाहेरी से संधई गांव तक आठ गांवों में किया जाएगा.
• बारिश का पानी स्टोर करने के लिए सोंब नदी में चेक डैम का निर्माण किया जाएगा.
• चल्लौर गांव में 400 एकड़ के क्षेत्रफल में जलाशय का निर्माण प्रस्तावित किया गया.
• सिंचाई विभाग बांध और जलाशय का तकनीकी सर्वेक्षण करेगा.

परियोजना के लाभ
इस परियोजना के अंतर्गत बाढ़ सुरक्षा, पारिस्थितिक संतुलन, पर्यटन और तीर्थ पर्यटन, जल संरक्षण जैसे कई पहलू शामिल हैं. इससे पहले, नदी के प्रारंभिक खुदाई का काम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत शुरू किया गया.
सरस्वती नदी के बारे में
सरस्वती एक पौराणिक नदी है जिसकी चर्चा वेदों में भी है. ऋग्वेद में सरस्वती का अन्नवती तथा उदकवती के रूप में वर्णन आया है. ऋग्वेद के नदी सूक्त के एक मंत्र (10.75) में सरस्वती नदी को 'यमुना के पूर्व' और 'सतलुज के पश्चिम' में बहती हुई बताया गया है.
उत्तर वैदिक ग्रंथों, जैसे ताण्डय और जैमिनीय ब्राह्मण में सरस्वती नदी को मरुस्थल में सूखा हुआ बताया गया है. महाभारत में भी सरस्वती नदी के मरुस्थल में 'विनाशन' नामक जगह पर विलुप्त होने का वर्णन आता है.
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