मैमार-ए- कौम-डॉ. ए. आर. किदवई - मुफ्ती अताउर रहमान अंसारी द्वारा संपादित
उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 21 नवंबर 2013 को नई दिल्ली स्थित शाह वलीउल्लाअह इंस्टिट्यूट के तत्वावधान में मुफ्ती अताउर रहमान अंसारी द्वारा संपादित पुस्तक ‘मैमार-ए-कौम - डॉ. ए. आर. किदवई’ का लोकार्पण किया.
वर्ष 1951-67 के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रह चुके डॉ. ए. आर. किदवई के जीवन पर आधारित तथ्यों को संकलित करती इस पुस्तक का लोकार्पण करते हुए कहा, “डॉ किदवई के अविस्मरणीय योगदानों को उजागर करती यह पुस्तक अत्यंत सृजनात्मक तरीके से संकलित की गयी है.”
डॉ. ए. आर. किदवई
• वर्ष 1951-67 के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रहे.
• डॉ किदवई का मेवात विकास बोर्ड हरियाणा की स्थापना में विशेष योगदान दिया.
• वे वर्ष 1967-79 के दौरान संघ लोक सेवा आयोग अध्यक्ष तथा सदस्य रहे.
• वर्ष 1979-85 तथा 1993-98 के दौरान वे दो बार बिहार के राज्यपाल रहे.
• वर्ष 1998-99 के दौरान वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया.
• वर्ष 2004 में वे हरियाणा के राज्यपाल रहे.
• वर्ष 2000-04 के दौरान वे राज्य सभा के सदस्य रहे.
• वे निम्नलिखित संसदीय समितियों के सदस्य बने रहे-
o वर्ष 2000-04 के मध्य विज्ञान एवं तकनीकी, पर्यावरण एवं वन मंत्रालयों की सलाहकार समिति.
o वर्ष 2000-04 के मध्य कृषि, जल संसाधन तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थायी समितियां.
o वर्ष 2000-04 के मध्य अधीनस्थ विधान समिति.
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