हिन्दी के कथाकार संजीव को वर्ष 2013 का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया. क्रम में यह तीसरा श्रीलाल शुक्ल इफको साहित्य सम्मान है. संजीव को यह सम्मान सेनेगल गणराज्य के संस्कृति मंत्री अब्दुल अजीज म्बाये द्वारा स्थानीय नई दिल्ली स्थित श्रीराम सेंटर में एक भव्य समारोह में 31 जनवरी 2014 को प्रदान किया गया.
इस सम्मान के तहत संजीव को 11 लाख रपए, प्रशस्ति पत्र तथा शॉल भेंट किया गया.
संजीव ने 150 कहानियां और 12से अधिक उपन्यास लिखे. संजीव की प्रमुख प्रकाशित कृतियां 'तीस साल का सफरनामा', 'दुनिया की सबसे हसीन औरत', 'प्रेत मुक्ति', 'ब्लैक होल', 'गली के मोड़ पर सूना-सा कोई दरवाजा' आदि हैं.
पहला श्रीलाल शुक्ल इफको साहित्य सम्मान विद्यासागर नौटियाल को और दूसरा शेखर जोशी को दिया गया था.
श्रीलाल शुक्ल 1968 में लिखे अपने व्यंग्य उपन्यास 'राग दरबारी' की वजह से ज्यादा जाने जाते हैं. उन्होंने 'बिसरामपुर का संत', 'मकान', 'आदमी का जहर', 'बब्बर सिंह और उसके साथी', 'राग विराग', 'सीमाएं टूटती हैं' और 'सूनी घाटी का सूरज' जैसे उपन्यास भी लिखे हैं.
श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान
श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान की शुरुआत इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने अपने कार्यव्यवहार और कार्य प्रकृति के अनुरूप गांव, किसान व कृषि जीवन से संबंधित यथार्थवादी एवं उत्कृष्ट कलात्मक साहित्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की थी.
यह सम्मान प्रतिवर्ष उस साहित्यकार को प्रदान किया जाता है, जिसका हिंदी भाषा एवं साहित्य के संवर्द्धन में महत्वपूर्ण अवदान रहा हो. साथ ही उसने भारतीय कृषि एवं किसान और ग्रामीण जीवन से जुड़ी समस्याओं, आकांक्षाओं व संघर्षो को अपने साहित्य के माध्यम से मुखरित किया हो.
इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव लिमिटेड (इफको)
इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) उर्वरकों का उत्पादन और विपणन करने वाली विश्व की सबसे बड़ी सहकारी संस्था है.
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