केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए अच्छी खबर और चिंता दोनों है। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को जनवरी में केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन अभी तक इसे औपचारिक रूप से गठित नहीं किया गया है। ऐसे में लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों के मन में वेतन और पेंशन बढ़ोतरी में देरी को लेकर संशय बना हुआ है।
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कब से लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग?
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर पिछली सिफारिशों के पैटर्न को देखा जाए तो 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें अक्टूबर-दिसंबर 2026 या जनवरी-मार्च 2027 में लागू हो सकती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि आमतौर पर किसी केंद्रीय वेतन आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने में 1.5 साल का वक्त लगता है। इसके बाद सरकार को उसे मंजूरी देने में 3 से 9 महीने और लग जाते हैं।
अगर इस अनुमान को आधार मानें तो यदि आयोग अगले महीने गठित हो भी जाता है, तब भी इसे अपनी रिपोर्ट देने में कम से कम 18 महीने यानी फरवरी 2026 तक का वक्त लगेगा। इसके बाद रिपोर्ट को अंतिम मंजूरी मिलने में और 3-9 महीने लग सकते हैं। ऐसे में सैलरी और पेंशन बढ़ोतरी की नई व्यवस्था वित्त वर्ष 2027-28 (FY28) में लागू होने की संभावना बनती है।
8th Pay Commission पर सरकार ने अभी क्या कहा:
8वें वेतन आयोग के गठन, इसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) और अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति को लेकर बढ़ती अटकलों के बीच सरकार ने संसद में ToR को लेकर आधिकारिक जवाब दिया है। सांसद भुवनेश्वर कलिता ने सरकार से पूछा था कि क्या उसे टर्म्स ऑफ रेफरेंस तय करने के संबंध में कोई सुझाव प्राप्त हुए हैं।
वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में एकजवाब में कहा कि सरकार को नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) से टर्म्स ऑफ रेफरेंस को लेकर सुझाव मिले हैं, जो हितधारकों से परामर्श प्रक्रिया का हिस्सा हैं। चौधरी ने यह भी बताया कि रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और विभिन्न राज्यों समेत प्रमुख हितधारकों से भी सुझाव मांगे गए हैं।
कितना होगा वेतन में इजाफा?
कोटक रिपोर्ट के अनुसार, इस बार आयोग द्वारा 1.8 का फिटमेंट फैक्टर सुझाए जाने की उम्मीद है। यह पिछले 7वें वेतन आयोग के 2.57 फिटमेंट फैक्टर से काफी कम है।
इस फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से मिनिमम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर करीब ₹32,000 हो जाएगी। हालांकि, हर वेतन आयोग लागू होने के बाद महंगाई भत्ता (DA) शून्य से शुरू होता है, जिससे असली बढ़ोतरी कम हो जाती है।
फिलहाल केंद्र सरकार के कर्मचारियों को बेसिक सैलरी का 55% DA के रूप में मिल रहा है। उदाहरण के तौर पर, ₹18,000 की मिनिमम सैलरी पर फिलहाल करीब ₹9,900 DA मिलता है, जिससे कुल सैलरी ₹27,990 हो जाती है।
नया फिटमेंट फैक्टर लागू होने पर DA रीसेट होने से वास्तविक वेतन वृद्धि सिर्फ 13% रहने की उम्मीद है, जो 7वें वेतन आयोग के लागू होने पर मिली 14% की असली वृद्धि से भी कम है। जबकि 6वें वेतन आयोग में यह वृद्धि 54% तक पहुंची थी।
कितना होगा सरकार पर भार?
8वें वेतन आयोग के लागू होने से सरकार पर ₹2.4 से 3.2 लाख करोड़ का सालाना वित्तीय बोझ आ सकता है। तुलना करें तो 7वें वेतन आयोग से सरकार पर ₹1.02 लाख करोड़ का बोझ पड़ा था, जो FY17 में लागू हुआ था।
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