Indian Railways: भारतीय रेलवे के पास है दुनिया की पहली Hospital Train, मरीजों को घर के पास मिलती है इलाज की सुविधा

Indian Railways: भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है। इसके साथ ही यह एशिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है। यात्रियों की सुविधाओं के हिसाब से रेलवे की ओर से विभिन्न ट्रेनों का संचालन किया जाता है। इस कड़ी में भारतीय रेलवे के पास दुनिया की पहली हॉस्पिटल ट्रेन भी है, जिसे lifeline Express और Jeevan Rekha Express के नाम से भी जाना जाता है। 

Kishan Kumar
May 23, 2023, 18:26 IST
दुनिया की पहली हॉस्पिटल ट्रेन
दुनिया की पहली हॉस्पिटल ट्रेन

Indian Railways: भारतीय रेलवे में 13 हजार से अधिक यात्री ट्रेनें हैं। इसके अलावा 7,000 से अधिक रेलवे स्टेशन हैं। वहीं, इन ट्रेनों को 12 हजार से अधिक लोकोमोटिव के माध्यम से खींचा जाता है। रेलवे में प्रतिदिन सफर करने वाले यात्रियों की संख्या भी करोड़ों में है। इन सभी आंकड़ों के साथ भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा और एशिया का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क के रूप में स्थापित है। यही वजह है कि रेलवे में सफर करने से लेकर इसे चाहने वाले कई लोग आपको देखने को मिल जाएंगे। रेलवे भी अपने यात्रियों की सुविधा के हिसाब से विभिन्न प्रकार की ट्रेनों का संचालन करता है, जो यात्रियों को समय पर उनकी मंजिलों तक पहुंचाती हैं। वहीं, कुछ ट्रेनों को आम आदमी की जेब का ध्यान रखते हुए बेहतर सुविधा देने के लिए भी चलाया जा रहा है। वर्षों से भारतीयों की सेवा में लगे भारतीय रेलवे के पास कई सारी उपलब्धियां हैं। इस कड़ी में भारतीय रेलवे के पास एक और उपलब्धि है, जिसे रेलवे ने दुनिया की पहले हॉस्पिटल ट्रेन को बनाकर हासिल किया था। 

 

दुनिया की पहली हॉस्पिटल ट्रेन

दुनिया की पहली हॉस्पिटल ट्रेन भारतीय रेलवे के पास है, जिसे lifeline Express या Jeevan Rekha Express के नाम से जाना जाता है। खास बात यह है कि इस ट्रेन का संचालन 16 जुलाई,1991 से हो रहा है, जो कि इंपैक्ट इंडिया फाउंडेशन, भारतीय रेलवे, स्वास्थ्य मंत्रालय और IIF समेत विभिन्न लोगों के सहयोग से चल रही है। 

 

क्या है ट्रेन चलाने का उद्देश्य

इस ट्रेन को मुख्य रूप से गांव-देहात में रहने वाले उन बच्चों और बुजुर्ग दिव्यांगों के लिए शुरू किया गया था, जो दिव्यांगता की वजह से अस्पतालों तक नहीं पहुंच सकते थे। ऐसे में यह ट्रेन उन लोगों के गांव पहुंच उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है।

 

कैसे शुरू हुई थी जीवन रेखा एक्सप्रेस

जीवनस रेखा एक्सप्रेस की शुरुआत जुलाई, 1991 में हुई थी। उस समय भारतीय रेलवे की ओर से तीन कोच दिए गए थे, जिसे इंपैक्ट इंडिया फाउंडेशन की ओर से हॉस्पिटल में बदला गया था। फाउंडेशन ने ट्रेन में ऑपरेशन थियेटर बनाने के साथ अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की थी। इसके 16 साल बाद भारतीय रेलवे की ओर से पांच अन्य कोच दिए गए थे। पहले पुरानी ट्रेन में सिर्फ एक ऑपरेशन थियेटर हुआ करता था, हालांकि नए कोच मिलने के बाद ऑपरेशन थियेटर की संख्या बढ़कर 2 हो गई थी। साल 2016 में इसमें 2 अतिरिक्त कोच जोड़े गए, जिसके बाद इस ट्रेन में कोच की संख्या बढ़कर 7 हो गई। 

 

ट्रेन में क्या-क्या हैं सुविधाएं

यह ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित है। इस ट्रेन का पहला कोच पावर कार है, जिसमें पैंट्री कार और स्टाफ कंपार्टेमेंट है। वहीं, दूसरे कोच में मेडिकल स्टोर बना हुआ है। वहीं, किचन, 12 बर्थ की सीटें, स्टोव और वॉटर प्यूरीफायर की सुविधाओं को भी इसमें शामिल किया गया है। इसके अलावा ट्रेन में ऑपरेशन थियेटर भी है, जिसके साथ मेडिकल के जरूरी उपकरणों की किट व शैडो लाइट और माइक्रोस्कोप समेत अन्य उपकरण शामिल हैं। मरीजों की सुविधा का ध्यान रखते हुए इस ट्रेन में एक्स-रे यूनिट और एक बड़ा एलसीडी रूम भी है। वहीं, यह ट्रेन पूरी तरह से सीसीटीवी से भी लैस है। 

 

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Kishan Kumar

Senior content writer

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