अक्सर हम यह मान कर चलते हैं की प्राइवेट कंपनियों में मिलने वाले सैलरी सरकारी नौकरी से ज्यादा होती है लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा कि सरकारी क्षेत्र के अंतर्गत महारत्न, नवरत्न, मिनी रत्न कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को भारी वेतन प्रदान करती है. न केवल सैलरी बल्कि उनको मिलने वाले भत्तें और सुविधाएँ भी काफी अधिक होती है और अगर इन सभी को मिलकर देखें तो तो महारत्न, नवरत्न, मिनी रत्न कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को मिलने वाली टोटल सैलरी काफी आकर्षक हो जाती है.
वर्तमान में कुल 7 महारत्न, 17 नवरत्न और कुल 71 मिनिरत्न कम्पनियाँ हैं.
जानें क्या होती है महारत्न, नवरत्न, मिनी रत्न कंपनियों में सैलरी
आइये है आपको बताते हैं की सरकारी क्षेत्र के अंतर्गत महारत्न, नवरत्न, मिनी रत्न कंपनियों में क्या होती है बेसिक सैलरी, भत्ते और किस प्रकार से सैलरी का काउंट करते हैं.
महारत्न कंपनियों में अगर आपका बेसिक पे 24900 रुपया हो तो आपको 55-60 हजार रूपये तक की सैलरी इन हैण्ड मिल सकती है यदि एचआरए भी इसमें शामिल कर दी जाए.
वही अगर नवरत्न कंपनी हो और बेसिक 20,500 रूपये हो, तो एचआरए को शामिल कर ली जाय तो आपकी हाथों में मिलने वाली सैलरी लगभग 40-50 हजार रूपये तक हो सकती है.
वही मिनी रत्न कंपनी के बात करें तो अगर आपकी बेसिक सैलरी 16,500 रूपये है तो आपकी इन हैण्ड सैलरी 40-45 हजार तक हो सकती है, अगर एचआरए भी इसमें शामिल कर दी जाए तो.
हालाँकि इसमें सातवाँ वेतन आयोग में हुए बढ़ोतरी को शामिल नहीं किया गया है.
ट्रेनिंग/जॉब कन्फर्मेशन और सैलरी
हालाँकि यहां पर हमें यह ध्यान रखना होगा कि उपरोक्त बढ़ोतरी तभी मान्य है जब संबंधित कंपनियों में ट्रेनिंग का एक साल पूरा हो गया है और आपकी जॉब कन्फर्म हो चुका है. यहां पर यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि प्रोबेशन में मिलने वाली सैलरी विभिन्न पीएसयू के लिए अलग-अलग निर्धारित होती है इसलिए इसे ध्यान में रखना आवश्यक है.
जानें क्या होता है सरकारी कंपनियों में सैलरी स्ट्रक्चर:
हालाँकि यह पीएसयू में मिलने वाली बेसिक सैलरी स्ट्रक्चर है लेकिन इसके अतिरिक्त अन्य प्रकार के भत्ते भी कर्मचारियों को दी जाती है, जैसे लोकेशन अलाउंस (बेसिक का 4-10%), कोन्वेयेंस अलाउंस, महीने में मिलने वाली इंसेंटिव और वार्षिक PRP(परफॉरमेंस रिलेटेड पे ) आदि.
कैसे निर्धारित होती है आपकी सैलरी?
अगर आप इसे विस्तार से समझना चाहते हैं तो इस उदहारण के माध्यम से इसे आसानी से समझ सकते हैं.
मान लीजिये आपकी बेसिक सैलरी है-X
तो निश्चित ही डीए=X का 1.12 होगा,
वही एचआरए=0.3X,
पर्क= 0.5X,
लोकेशनल अलाउंस =0.1 X
मंथली इंसेंटिव=0.3X
टोटल फिक्स्ड कॉम्पोनेन्ट=2.32X
जाहिर है, वार्षिक टोटल फिक्स्ड कॉम्पोनेन्ट=2.32X*12
वार्षिक कांवेंयेंस अलाउंस: रुपया 5000*12=रुपया 60, 000
वार्षिक पीआरपी= रुपया 100000 (अनुमानित)
बेसिक सैलरी और टोटल सैलरी में क्या है संबंध
अब मान लीजिये कि आपकी बेसिक सैलरी अर्थात X= 30,000 रुपया
तो वार्षिक सैलरी होगी=2.32*30000*12+60000+10000
अर्थात, =8,35,200+60000+100000
=995200 रुपया
इस प्रकार से आप समझ सकते हैं कि यदि आपकी बेसिक सैलरी मात्र 30,000 रुपये है तो भी आप लगभग 10 लाख रुपया वार्षिक वेतन उठा सकते हैं. हालाँकि यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यह आपका ग्रॉस सैलरी है न की आपका सीटीसी. सीटीसी की बात करें तो वह इस आंकड़े से बहुत ज्यादा होगा.
पीएसयू से जुड़े सैलरी संबंधित अन्य जानकारियां
अगर अपने सैलरी से संबंधित आपके मन में अभी भी कुछ संदेह है तो उसे इस प्रकार से दूर कर सकते हैं...
जाने कौन-कौन से हैं महारत्न कम्पनियाँ:
महारत्न कंपनियों की सूची निम्न हैं-
a.भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड
b. कोल इंडिया लिमिटेड
c. गेल इंडिया लिमिटेड
d.इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड
e.एनटीपीसी लिमिटेड
f.आयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन लिमिटेड
g.स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड
पीएसयू में सैलरी स्ट्रक्चर
10. पर्क, मिलने वाले बेसिक पे का लगभग 46% होता है.
जानें क्या होता है रेंटल सीलिंग और एकोमोडेशन
हालाँकि जिन इलाकों में टाउनशिप उपलब्ध होते हैं, कम्पनी अपना एकोमोडेशन प्रदान करती है. आपको मिलने वाले क्वार्टर का टाइप आपके ग्रेड और सीनियरिटी के आधार पर निर्धारित किया जाता है. इसके साथ ही वैसे कर्मचारी जो अपने खुद के घर में निवास करते हैं,निर्धारित रेंटल सीलिंग के अंतर्गत सेल्फ लीज सुविधा का उपयोग कर सकते हैं. कंपनी के अपने और लीज एकोमोडेशन के लिए मंथली रिकवरी बनाया जाता है जो कारपेट एरिया और लोकेशन पर आधारित होती है. जो कर्मचारी किराए की घरों में रहते हैं उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित वर्गीकरण के आधार पर एचआरए दिया जाता है.
विभिन्न शहर और मिलने वाले एचआरए
यदि पोस्टिंग मुंबई,दिल्ली,कोलकाता और चेन्नई में है तो यह बेसिक का 30% होता है, लेकिन अन्य ‘ए’ क्लास के शहरों में पोस्टिंग होने पर यह 22% होता है. यदि बी-1 प्रकार के शहरों में पोस्टिंग है तो बेसिक पे का 22-1/2%,बी-2 प्रकार के शहरों में 17-1/2% निर्धारित होता है. यदि सी प्रकार का और नॉन-क्लासिफाइड सिटी में हो तो यह 15% होता है.
उम्मीद है कि ऊपर वर्णित टेक्निक के आधार पर आप आसानी से अपना सैलरी कैलकुलेट कर सकते हैं और अंतिम रूप से निर्णय ले सकते हैं.
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