Essay on Environment Day in Hindi: पर्यावरण दिवस पर निबंध छात्रों के लिए

विश्व पर्यावरण दिवस, हर साल 5 जून को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दिन है जो हमें पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। यह प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के नुकसान जैसी वैश्विक चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करता है। निबंध बताता है कि कैसे हमारी दैनिक आदतें पर्यावरण को प्रभावित करती हैं और हमें ऊर्जा बचाने, प्लास्टिक कम करने और पेड़ लगाने जैसे छोटे कदम उठाने चाहिए। इसका लक्ष्य प्रकृति और भविष्य के लिए एक स्थायी जीवनशैली अपनाना है।

Anisha Mishra
Jun 5, 2025, 12:01 IST
पर्यावरण दिवस पर निबंध छात्रों और बच्चों के लिए हिंदी में
पर्यावरण दिवस पर निबंध छात्रों और बच्चों के लिए हिंदी में

हर साल 5 जून को मनाया जाने वाला 'विश्व पर्यावरण दिवस' हमें अपनी पृथ्वी, अपने पर्यावरण के प्रति हमारी सामूहिक और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। यह केवल एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह एक प्रतिज्ञा है कि हम अपने ग्रह को स्वस्थ और हरा-भरा बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास करेंगे। यह दिन दुनिया भर के लोगों को पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर सोचने और उनके समाधान के लिए प्रेरित करता है, ताकि हम सब मिलकर एक बेहतर और टिकाऊ भविष्य का निर्माण कर सकें।

आज जब हम पर्यावरण दिवस मना रहे हैं, तो हमें यह सोचना होगा कि हम प्रकृति से क्या ले रहे हैं और उसे बदले में क्या दे रहे हैं। हमारा पर्यावरण, जिसमें हवा, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे और जीव-जंतु शामिल हैं, हमारे जीवन का आधार है। लेकिन मानवीय गतिविधियों के कारण यह गंभीर खतरों का सामना कर रहा है - प्रदूषण, वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता का नुकसान। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें तुरंत और सामूहिक रूप से कार्य करने की आवश्यकता है, और इसी दिशा में 'विश्व पर्यावरण दिवस' हमें एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है।

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World Environment Day 2025 Theme: विश्व पर्यावरण दिवस 2025 थीम

'प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करना'

Beat Plastic Pollution

Meaning: 'प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करना' का अर्थ है प्लास्टिक से होने वाले कचरे और उसके हानिकारक प्रभावों को पूरी तरह से रोकना। इसमें प्लास्टिक के उत्पादन को कम करना, उसका इस्तेमाल बंद करना या कम करना, और मौजूदा प्लास्टिक कचरे को ठीक से साफ करके निपटाना शामिल है। इसका लक्ष्य एक ऐसी दुनिया बनाना है जहाँ प्लास्टिक से पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुँचे।

विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध (Short Essay: World Environment Day)

प्रस्तावना हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए निर्धारित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरणीय मुद्दों जैसे प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, वनों की कटाई और जैव विविधता के नुकसान के बारे में शिक्षित करना और उन्हें इन समस्याओं के समाधान के लिए प्रेरित करना है। यह हमें याद दिलाता है कि पृथ्वी हमारा एकमात्र घर है और इसे सुरक्षित रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

पर्यावरण का महत्व और वर्तमान चुनौतियाँ हमारा पर्यावरण वह सब कुछ है जो हमें घेरे हुए है – हवा, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे और सभी जीव-जंतु। यह हमारे जीवन का आधार है, जो हमें साँस लेने के लिए शुद्ध हवा, पीने के लिए पानी और भोजन उगाने के लिए उपजाऊ मिट्टी प्रदान करता है। प्रकृति हमें जीवन के लिए आवश्यक सभी संसाधन देती है। हालांकि, आधुनिक जीवनशैली और अनियंत्रित मानवीय गतिविधियों के कारण हमारा पर्यावरण आज गंभीर खतरों का सामना कर रहा है।

वायु प्रदूषण शहरों में वाहनों और उद्योगों से निकलने वाले धुएँ के कारण बढ़ रहा है, जिससे साँस लेना मुश्किल हो रहा है। जल प्रदूषण नदियों और महासागरों को दूषित कर रहा है, जिससे पीने के पानी की समस्या गंभीर हो गई है। वनों की कटाई, जो विकास के नाम पर हो रही है, ने न केवल जैव विविधता को नुकसान पहुँचाया है, बल्कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग को भी बढ़ावा दिया है। प्लास्टिक प्रदूषण भी एक बड़ी चुनौती है, जो हमारे समुद्री जीवों और पारिस्थितिकी तंत्र को तबाह कर रहा है।

हमारा योगदान: समाधान की दिशा में कदम पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने के लिए सरकारों और बड़ी संस्थाओं के साथ-साथ हममें से प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। हमारे छोटे-छोटे प्रयास भी, जब लाखों लोग एक साथ करते हैं, तो वे एक बड़ा सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। हमें अपनी दैनिक आदतों में बदलाव लाना होगा:

  • ऊर्जा बचाएँ: अनावश्यक लाइट और पंखे बंद करके बिजली बचाना।
  • पानी का संरक्षण: पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करना और उसे बर्बाद होने से रोकना।
  • प्लास्टिक का उपयोग कम करें: सिंगल-यूज प्लास्टिक जैसे प्लास्टिक की थैलियों और बोतलों का उपयोग बंद करें।
  • पेड़ लगाएँ और उनका संरक्षण करें: अपने आसपास अधिक से अधिक पेड़ लगाएँ।
  • सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें: निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें ताकि प्रदूषण कम हो।
  • कचरा प्रबंधन: कचरे को गीले और सूखे कचरे में अलग-अलग करके रीसाइक्लिंग को बढ़ावा दें।
  • जागरूकता फैलाएँ: अपने परिवार और दोस्तों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करें।

निष्कर्ष विश्व पर्यावरण दिवस हमें सिर्फ एक दिन के लिए नहीं, बल्कि हर दिन पर्यावरण के बारे में सोचने और कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। हमें यह समझना होगा कि एक स्वस्थ पर्यावरण ही एक स्वस्थ भविष्य की नींव है। यदि हमने अपने ग्रह की रक्षा नहीं की, तो हमारी आने वाली पीढ़ियों को गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा। आइए, इस अवसर पर हम सब संकल्प लें कि हम प्रकृति का सम्मान करेंगे, उसके संसाधनों का जिम्मेदारी से उपयोग करेंगे, और उसे साफ तथा हरा-भरा रखेंगे। याद रखें, 'पृथ्वी हमारी माँ है' और इसकी रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। आइए हम सब मिलकर एक ऐसे भविष्य का निर्माण करें जहाँ मनुष्य और प्रकृति सद्भाव में रहें।

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विश्व पर्यावरण दिवस (Long Essay: World Environment Day)

प्रस्तावना विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को पूरे विश्व में बड़ी गंभीरता और जागरूकता के साथ मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1972 में स्थापित किया गया था और पहली बार 1973 में मनाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालना, वैश्विक पर्यावरणीय चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित करना और लोगों को इन समस्याओं के समाधान के लिए प्रेरित करना है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारा अस्तित्व सीधे तौर पर पृथ्वी और उसके पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

पर्यावरण का महत्व और वर्तमान चुनौतियाँ हमारा पर्यावरण वह सब कुछ है जो हमें घेरे हुए है – हवा, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे और सभी जीव-जंतु। यह हमें जीवन के लिए आवश्यक सभी मूलभूत संसाधन प्रदान करता है: साँस लेने के लिए शुद्ध ऑक्सीजन, पीने के लिए स्वच्छ जल, भोजन उगाने के लिए उपजाऊ भूमि, और आश्रय व वस्त्र के लिए सामग्री। प्रकृति हमें न केवल भौतिक संसाधन देती है, बल्कि मानसिक शांति और सौंदर्य भी प्रदान करती है। हालांकि, आधुनिक सभ्यता के विकास और मानवीय गतिविधियों के अनियंत्रित विस्तार ने हमारे नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर दबाव डाला है।

आज हम कई गंभीर पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं:

  1. वायु प्रदूषण: औद्योगिक इकाइयों, वाहनों और जीवाश्म ईंधन के दहन से निकलने वाला धुआँ हवा को जहरीला बना रहा है। इसका सीधा असर मानव स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, जिससे श्वसन संबंधी बीमारियाँ और अन्य गंभीर समस्याएँ बढ़ रही हैं।
  2. जल प्रदूषण: उद्योगों से निकलने वाला रासायनिक कचरा, कृषि में कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग और शहरी सीवेज का अनुपचारित पानी नदियों, झीलों और भूजल को दूषित कर रहा है। इससे पीने के पानी की कमी हो रही है और जलीय जीवन खतरे में है।
  3. वनों की कटाई: बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण के दबाव के कारण, कृषि भूमि, आवास और औद्योगिक विकास के लिए बड़े पैमाने पर जंगलों को काटा जा रहा है। यह न केवल अनमोल जैव विविधता को नष्ट कर रहा है, बल्कि कार्बन डाइऑक्साइड के अवशोषण को कम करके जलवायु परिवर्तन को भी गति दे रहा है।
  4. जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग: ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में वृद्धि के कारण पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप ध्रुवीय क्षेत्रों में बर्फ पिघल रही है, समुद्र का स्तर बढ़ रहा है, और मौसम के पैटर्न में अप्रत्याशित बदलाव आ रहे हैं, जिससे अत्यधिक गर्मी, सूखा, बाढ़ और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाएँ अधिक बार और तीव्र हो रही हैं।
  5. प्लास्टिक प्रदूषण: सिंगल-यूज प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग और अनुचित निपटान एक वैश्विक संकट बन गया है। प्लास्टिक कचरा हमारे महासागरों को चोक कर रहा है, समुद्री जीवों को नुकसान पहुँचा रहा है और माइक्रोप्लास्टिक्स के रूप में खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर रहा है, जिसके दीर्घकालिक परिणाम अभी भी पूरी तरह से समझे नहीं गए हैं।

हमारा योगदान: समाधान की दिशा में कदम इन गंभीर चुनौतियों का सामना करने के लिए केवल सरकारों या अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। हममें से प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारे छोटे-छोटे प्रयास, जब सामूहिक रूप से किए जाते हैं, तो वे एक विशाल और सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

हमें अपनी दैनिक आदतों में बदलाव लाना होगा:

  • ऊर्जा दक्षता: बिजली बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। जब उपयोग न हो तो लाइट और पंखे बंद कर दें। ऊर्जा-कुशल उपकरणों का उपयोग करें और सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • जल संरक्षण: पानी जीवन है। नहाने, कपड़े धोने और बर्तन साफ करते समय पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करें। घरों और समुदायों में वर्षा जल संचयन (rainwater harvesting) प्रणालियों को बढ़ावा दें।
  • प्लास्टिक मुक्त जीवन: सिंगल-यूज प्लास्टिक जैसे प्लास्टिक की बोतलों, थैलियों और स्ट्रॉ का उपयोग बंद करें। इसके बजाय कपड़े के थैले, धातु की पानी की बोतलें और दोबारा उपयोग किए जाने वाले कंटेनर अपनाएँ।
  • वृक्षारोपण और वन संरक्षण: अधिक से अधिक पेड़ लगाएँ और मौजूदा वनों के संरक्षण में योगदान दें। पेड़ हमारे 'पृथ्वी के फेफड़े' हैं, जो हमें ऑक्सीजन देते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं।
  • स्मार्ट कचरा प्रबंधन: कचरे को गीले और सूखे कचरे में अलग-अलग करें। रीसाइक्लिंग (पुनर्चक्रण) और कंपोस्टिंग (खाद बनाना) को बढ़ावा दें।
  • सार्वजनिक परिवहन का उपयोग: निजी वाहनों का उपयोग कम करें और सार्वजनिक परिवहन, साइकिल चलाने या पैदल चलने को प्राथमिकता दें, जिससे वायु प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन कम होगा।
  • जागरूकता फैलाएँ: अपने परिवार, दोस्तों और समुदाय के सदस्यों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करें। उन्हें छोटे-छोटे सकारात्मक बदलावों के लिए प्रेरित करें।

निष्कर्ष विश्व पर्यावरण दिवस केवल एक प्रतीकात्मक दिन नहीं है; यह एक अनुस्मारक है कि हम एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहाँ हमारे निर्णय हमारे ग्रह के भविष्य को निर्धारित करेंगे। हमें यह समझना होगा कि एक स्वस्थ पर्यावरण ही एक स्वस्थ और समृद्ध मानव भविष्य की नींव है। यदि हमने अपने ग्रह की रक्षा नहीं की, तो हमारी आने वाली पीढ़ियों को गंभीर और अपरिवर्तनीय परिणामों का सामना करना पड़ेगा।

आइए, इस अवसर पर हम सब एक दृढ़ संकल्प लें कि हम प्रकृति का सम्मान करेंगे, उसके संसाधनों का जिम्मेदारी और बुद्धिमानी से उपयोग करेंगे, और उसे साफ तथा हरा-भरा रखेंगे। यह समय है 'सिर्फ बातें' करने का नहीं, बल्कि 'कार्य' करने का। हमें एक ऐसे भविष्य का निर्माण करना है जहाँ विकास और पर्यावरण संरक्षण एक साथ चलें, जहाँ मनुष्य और प्रकृति पूर्ण सामंजस्य और सद्भाव में रहें। पृथ्वी हमारी माँ है और इसकी रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है।

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Content Writer

Anisha Mishra is a mass communication professional and content strategist with a total two years of experience. She's passionate about creating clear, results-driven content—from articles to social media posts—that genuinely connects with audiences. With a proven track record of shaping compelling narratives and boosting engagement for brands like Shiksha.com, she excels in the education sector, handling CBSE, State Boards, NEET, and JEE exams, especially during crucial result seasons. Blending expertise in traditional and new digital media, Anisha constantly explores current content trends. Connect with her on LinkedIn for fresh insights into education content strategy and audience behavior, and let's make a lasting impact together.
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