आर्ट्स स्ट्रीम एक ऐसे स्ट्रीम है जिसमें स्टूडेंट्स के पास कई विषयों के चयन के साथ अनेक करियर ऑप्शन्स होते हैं. आर्ट स्ट्रीम के तहत अनेक महत्त्वपूर्ण विषय और करियर लाइन्स शामिल हैं. आर्ट्स स्टूडेंट्स अपनी प्रतिभा के बूते पर एक कामयाब वकील, नेता, प्रोफेसर, जर्नलिस्ट या फिर सफल कारोबारी भी बन सकते हैं. इस आर्टिकल में आर्ट्स स्ट्रीम से 12वीं पास करने वाले स्टूडेंट्स के लिए हायर स्टडीज़ और करियर ऑप्शन्स की महत्त्वपूर्ण जानकारी पेश है.
साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम्स में मुख्य विषय लगभग एक समान होते हैं लेकिन, जब बात आर्ट्स स्ट्रीम की आती है तो मामला काफी अलग होता है. आर्ट्स स्ट्रीम में, हायर स्टडीज़ के लिए अनेक ऑप्शन्स स्टूडेंट्स के पास उपलब्ध होते हैं. उदाहरण के लिए, अगर कोई स्टूडेंट कार्टोग्राफी में अपना करियर शुरू करना चाहता है तो उसके लिए भूगोल का चयन हाई स्कूल के दौरान ही ऐच्छिक विषयों में से एक के रूप में करना महत्वपूर्ण है. आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स निम्नलिखित विषयों में डिग्री हासिल कर सकते हैं:
बैचलर डिग्री कोर्स
बैचलर ऑफ आर्ट्स/ बीए सबसे लोकप्रिय ग्रेजुएशन लेवल का कोर्स है जिसे हाई स्कूल पास करने के बाद ही किया जाता है. इसके अंतर्गत विभिन्न विषय हैं जिन्हें स्टूडेंट्स अपने करियर के अनुसार चुन सकते हैं. आमतौर पर, आर्ट्स स्ट्रीम छात्रों के लिए निम्नलिखित लोकप्रिय बैचलर डिग्री कोर्स उपलब्ध हैं:
अगर आपने आर्ट्स स्ट्रीम का चयन किया है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आगे चलकर आप किसी टेक्नीकल कोर्स में एडमिशन नहीं ले सकते हैं. अंडरग्रेजुएट लेवल पर आर्ट स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए कई टेक्नीकल कोर्सेज भी उपलब्ध हैं जिन्हें ज्वाइन करके स्टूडेंट्स भविष्य में किसी टेक्नीकल फील्ड में अपना करियर बना सकते हैं.
लॉ कोर्सेज
अगर आपको कानूनी दाव पेंच अच्छे लगते हैं और आप भविष्य में एक कामयाब वकील बनना चाहते हैं तो हाई स्कूल में आर्ट्स स्ट्रीम आपके लिए सटीक चयन होगा. आर्ट्स से ग्रेजुएशन करने के बाद स्टूडेंट्स एलएलबी कर सकते हैं. आमतौर पर, एलएलबी की योग्यता स्नातक की डिग्री है. हालांकि, आजकल स्टूडेंट्स लॉ में 5 साल के एकीकृत कार्यक्रम भी ज्वाइन कर सकते हैं.
बीए + एलएलबी - बैचलर ऑफ आर्ट्स और बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ
बीबीए + एलएलबी - बैचलर ऑफ बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन और बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ
मैनेजमेंट कोर्सेज
अगर करियर स्कोप की बात की जाय तो इस सन्दर्भ में मैनेजमेंट विषय शुरु से ही बहुत सफल साबित हुआ है. आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए भी 12 वीं पास करने के बाद कई मैनेजमेंट कोर्सेज उपलब्ध हैं. इनमें ग्रेजुएशन डिग्री लेवल के कोर्सेज, पांच साल के एकीकृत कोर्सेज और शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेशन प्रोग्राम्स भी शामिल हैं. हालांकि, मैनेजमेंट कोर्सेज में सबसे लोकप्रिय निम्नलिखित कोर्सेज हैं:
फैशन डिजाइनिंग/ अन्य डिजाइनिंग कोर्सेज
डिजाइनिंग आर्ट्स स्टूडेंट्स के लिए काफी विशाल करियर डोमेन है, खासकर उन स्टूडेंट्स के लिए जो विजुअल आर्ट्स में एक्सपर्ट हैं. आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए डिजाइन स्ट्रीम में कई ग्रेजुएशन लेवल के कोर्सेज उपलब्ध हैं. डिजाइन में फुल टाइम तीन साल के ग्रेजुएशन कोर्सेज के अलावा, छात्र विभिन्न संस्थानों द्वारा सर्टिफिकेशन और डिप्लोमा कोर्सेज भी कर सकते हैं. इनमें से कुछ प्रमुख डिजाइनिंग या फैशन डिजाइनिंग कोर्सेज निम्नलिखित हैं:
परफॉर्मिंग आर्ट्स कोर्सेज
जो आर्ट्स स्टूडेंट्स परफॉर्मिंग आर्ट्स में रुचि रखते हैं, उनके लिए आर्ट्स स्ट्रीम में 12 वीं पास करने के बाद कई परफॉर्मिंग आर्ट्स कोर्सेज उपलब्ध हैं. इन कोर्सेज से विशेष रूप से आवश्यक ज्ञान हासिल करने और आवश्यक कौशल विकसित करने में मदद मिलती गया है. इस डोमेन में सबसे लोकप्रिय कोर्सेज परफॉर्मिंग आर्ट्स में बैचलर डिग्री है. इनके अलावा, संबंधित परफॉर्मिंग आर्ट्स के लिए विशिष्ट शॉर्ट-टर्म डिप्लोमा और सर्टिफिकेट लेवल कोर्स भी विभिन्न संस्थानों द्वारा कराये जाते हैं.
आर्ट्स स्ट्रीम के बारे में अधिकतर स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स के मन में कई संशय होते हैं जैसेकि, यह विषय बहुत आसान होने के साथ-सा इसमें करियर स्कोप बहुत कम है. इस तरह के सभी संशय वास्तव में निराधार हैं क्योंकि, इस विषय में भी स्टूडेंट्स के लिए बहुत चुनौतियां हैं तथा आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स यूपीएससी, सिविल सर्विसेज जैसी कुछ प्रोफेशनल परीक्षाओं में सफलता हासिल कर समाज और करियर में एक उच्च मक़ाम हासिल करते हैं.
आर्ट्स स्ट्रीम के आधारभूत सब डोमेन
आर्ट्स स्ट्रीम स्टूडेंट्स के लिए कोर्सेज और करियर्स में अवसरों की भरमार है. इसके अंतर्गत सबसे अधिक अपीलिंग सब्जेक्ट्स का चयन करने की स्वतंत्रता स्टूडेंट्स को मिलती है. स्टूडेंट्स अपने विचार, और रूचि के मुताबिक आर्ट्स स्ट्रीम के विभिन्न कोर्सेज ज्वाइन कर सकते हैं.
आर्ट्स स्ट्रीम के कुछ प्रमुख सब-डोमेन
मानविकी/ ह्यूमेनिटी
मानविकी एक विशाल क्षेत्र है जिसके अंतर्गत ‘मनुष्य की स्थिति’ का अध्ययन किया जाता है. इसमें मानव पृष्ठभूमि में मानव व्यवहार, सामाजिक-सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रणालियों के विकास के कारणों को समझना तथा उनकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का पता लगाना शामिल होता है. इस डोमेन में विभिन्न विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है जैसेकि:
ललित कला/ फाइन आर्ट्स
कला के क्षेत्र में ललित कला एक व्यापक शब्द है जिसमें विजुअल आर्ट्स, परफॉर्मिंग आर्ट्स और साहित्यिक कला शामिल हैं, जिनमें जीवन के सौंदर्य पक्ष को निखारा जाता है. एक स्टडी स्ट्रीम के तौर पर इन तीनों उप-डोमेन में रचनात्मक कौशल और विचार-प्रक्रिया का विकास शामिल होता है.
दृश्य कला/ विजुअल आर्ट्स
दृश्य कला वह क्षेत्र है जो दृश्य कला के विभिन्न रूपों से जुड़ा हुआ है. इसमें प्रसिद्ध कलाकारों और उनके कार्यों को समझने का प्रयास किया जाता है. इनके अलावा, इसमें दृश्य कला यानी चित्रकला, मूर्तियां तैयार करने के लिए रचनात्मक कौशल को विकसित करने की कला शामिल होती है. विजुअल आर्ट्स के अंतर्गत प्रमुख उप-डोमेन में निम्नांकित विषय शामिल हैं:
परफॉर्मिंग आर्ट्स ललित कला का उप-डोमेन होने के साथ साथ इसमें स्टूडेंट्स के प्रदर्शन कला कौशल के विकास पर भी जोर दिया जाता है. प्रदर्शन कलाओं के अध्ययन में संगीत, अभिनय, नृत्य और रंगमंच जैसे विभिन्न डोमेन शामिल हैं. स्टूडेंट्स कला प्रदर्शन के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण तकनीकों और कौशल के बारे में सीखते और जानते है. परफॉर्मिंग आर्ट्स स्ट्रीम्स के मुख्य सब-डोमेन हैं:
साहित्यिक कला/ लिटरेरी आर्ट्स
यह विषय किताबों और उपन्यासों के लेखन से संबंधित है. लेखन और कहानी कहने वाले कुछ ऐसे प्रमुख कौशल हैं जो साहित्यिक कला के स्टूडेंट्स के लिए बेस्ट करियर ऑप्शन्स हैं. आजकल, इसमें एटीएल और बीटीएल मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज़ के लिए फिल्मों तथा विज्ञापन और क्रिएटिव कॉपी राइटिंग के लिए स्क्रिप्ट लेखन भी शामिल है. साहित्यिक कला डोमेन में प्रमुख स्पेशलाइजेशन सब डोमेन निम्नलिखित हैं:
जब आर्ट्स स्ट्रीम के अधिकांश स्टूडेंट्स ललित कला उप-डोमेन से कुछ ऐच्छिक विषयों के साथ मानविकी विषयों का चयन करते हैं. हाई स्कूल से ही आर्ट्स स्टूडेंट्स की इस विषय में पकड़ मजबूत होती है. हाई स्कूल से ही स्टूडेंट्स को आर्ट्स स्ट्रीम के अंतर्गत विभिन्न विषय लेने की छूट दी जाती है. किन्तु आर्ट्स स्ट्रीम का चयन करते समय स्टूडेंट्स को निम्नलिखित बातों पर जरुर गौर करना चाहिए:
अपनी रूचि: स्टूडेंट्स को कोई भी निर्णय लेने से पहले किसी विषय या उप-डोमेन में अपनी रुचि और जुनून के बारे में पूरी तरह विचार करना चाहिए. एक रचनात्मक और शोध आधारित स्ट्रीम होने के नाते, कॉलेज की हायर स्टडीज़ और फिर, करियर के फैसलों में भी आपकी रुचि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
अपना स्ट्रोंग पक्ष: अपने इन्ट्रेस्ट के साथ ही आपको अपने मजबूत पक्ष और कमजोरियों का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए. इससे आपको उप-डोमेन और विषयों के चयन में सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी.
आर्ट्स स्ट्रीम में हायर स्टडीज़ का दायरा: एक और महत्वपूर्ण कारक जिसे हम नकार नहीं सकते वह है, एकेडमिक स्कोप और करियर स्कोप. आर्ट्स स्ट्रीम में प्रत्येक विषय और उप-डोमेन की प्रकृति विशाल है और इसमें विषयों और अवधारणाओं की विविध श्रृंखलायें शामिल हैं. इसलिए, आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए हायर स्टडीज़ के स्कोप को समझना बहुत जरूरी है.
आर्ट स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए करियर और नौकरी के भरपूर अवसर हैं. आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए सबसे लोकप्रिय करियर टीचिंग है और वे अपने सब्जेक्ट स्पेशलाइजेशन में आसानी से टीचिंग कर सकते हैं. इसी तरह, आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स बिजनेस मैनेजर, वकील, संगीतकार, डांसर, कलाकार, अभिनेता, व्यापारी, अर्थशास्त्री, सांख्यिकीविद्, वास्तुकार, फैशन डिजाइनर, लेखक, इतिहासकार और पुरातत्वविद् के तौर पर भी अपना शानदार करियर शुरू कर सकते हैं.
उक्त करियर ऑप्शन्स के अलावा, आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स विभिन्न विभागों और मंत्रालयों में सरकारी नौकरियां भी ज्वाइन कर सकते हैं. यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा जोकि आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और अन्य उच्च स्तरीय ब्यूरोक्रैट्स के लिए योग्यता परीक्षा है, आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए बेहतरीन करियर ऑप्शन है. इसी तरह आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स बैंकिंग क्षेत्र की भर्ती परीक्षा, एसएससी/ कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा या राज्य पीसीएस परीक्षाओं में भी सफलता हासिल करके अपना करियर शुरू कर सकते हैं.