इस आर्टिकल में हम एमटेक करने वाले इंडियन प्रोफेशनल्स के लिए उपलब्ध करियर ऑप्शन्स पर चर्चा कर रहे हैं. आपके लिए यह बहुत जरुरी है कि आप एमटेक की डिग्री हासिल करने के बाद स्टूडेंट्स या प्रोफेशनल्स के लिए भारत में उपलब्ध विभिन्न सूटेबल जॉब ऑफर्स, करियर ऑप्शन्स या हायर स्टडीज़ के बारे में पहले से ही समुचित जानकारी हासिल कर लें.
अब इंडियन स्टूडेंट्स अपनी इच्छा और जरुरत के अनुसार स्टडी के लिए विदेशों में कई विश्व-प्रसिद्ध यूनिवर्सिटीज़ में अप्लाई कर सकते हैं.
भारतीय महिलाएं भी इन दिनों हरेक जीवन के प्रत्येक कार्यक्षेत्र में अपनी करियर लाइन में शानदार कामयाबी हासिल कर रही हैं.
आमतौर पर यह एक गलत धारणा है कि यूनिवर्सिटी प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी एक ट्रेनिंग आधारित स्टडी मोड्यूल है. हां! यह कुछ हद तक सही विचार है लेकिन, पीएचडी का क्षेत्र एकेडमिक क्षेत्र से कहीं आगे तक व्याप्त है. जो लोग पीएचडी की डिग्री प्राप्त करते हैं, उनकी तुलना में कम लोग एकेडमिक क्षेत्र ज्वाइन करते हैं.
हमारे देश में आईटीआई के स्टूडेंट्स के मन में हमेशा एक सवाल आता है कि आखिर आईटीआई करने के बाद हमें जॉब मार्केट में किस तरह के जॉब ऑफर मिलेंगे?
भारत में पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को बेहतरीन करियर ऑप्शन्स उपलब्ध होने के साथ-साथ अपनी करियर लाइन में भी तरक्की मिल जाती है.
भारत में पॉलीटेक्निक डिप्लोमा हासिल करने के बाद रोजगार की कितनी संभावनाएं हैं, यह प्रश्न अक्सर ऐसे भारतीय स्टूडेंट्स के मन में आता है जो किसी पॉलिटेक से अपनी रूचि के मुताबिक कोई डिप्लोमा कोर्स कर रहे हैं.
पूरी दुनिया में किसी भी ग्रेजुएशन की डिग्री को कोई सूटेबल जॉब या करियर शुरू करने के लिए एक अनिवार्यता माना जाता है.
अगर आप 12वीं क्लास के बोर्ड एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स में से एक हैं या आपने अपनी 12वीं क्लास पास की है, तो आपके मन में जरुर अपनी हायर स्टडीज़ या भावी करियर लाइन को लेकर कई प्रश्न या चिंताएं होंगी, जिनका समाधान हम इस आर्टिकल में पेश कर रहे हैं.
फ़ूड टेक्नोलॉजी में रॉ इंग्रेडिएंट्स को फ़ूड और अन्य उपयोगी फ़ूड फॉर्म्स में बदलने के लिए फिजिकल, केमिकल या माइक्रोबायोलोजिकल टेक्निक्स और प्रोसेसेज से जुड़े सभी कार्यों को शामिल किया जा सकता है.
टेक्सटाइल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की वह ब्रांच है जो गारमेंट, कलर और फैब्रिक लाइन की इंडस्ट्रीज से संबद्ध कार्य करती है. यह एक ऐसा विज्ञान है जो टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग की प्रोसेस में शामिल सभी एक्टिविटीज और मेथड्स से संबद्ध है.
बायोकेमिकल इंजीनियरिंग में जैविक अणु से सम्बन्धित यूनिट प्रक्रियाओं के अध्ययन, डिजाइन और निर्माण से जुड़े सभी कार्यों का अध्ययन किया जाता है.
एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग के तहत हार्वेस्टिंग, फार्म इक्विपमेंट्स और मशीनरी के कंस्ट्रक्शन, डिज़ाइन और इम्प्रूवमेंट से जुड़े सारे कार्य शामिल होते हैं ताकि एग्रीकल्चरल सेक्टर में निरंतर सुधार हो सके.
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग की नवीनतम शाखाओं में से एक है. पहली बार इसका प्रयोग 19 वीं शताब्दी में संचालित पावर्ड फ्लाईट में किया गया था.
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की एक ऐसी फील्ड है जिसमें एयरक्राफ्ट को ऑपरेट करने की टेक्निक्स या स्टडी, डिज़ाइन और विकास से संबद्ध सभी कार्य शामिल होते हैं.
केमिकल इंजीनियरिंग में रॉ मेटीरियल्स को जीवन के विभिन्न उपयोगी प्रोडक्ट्स में बदलने के लिए केमिकल प्रोसेसेज का विकास करने के साथ ही केमिकल प्लांट्स की डिजाइनिंग और मेंटेनेंस जैसे कार्य शामिल होते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी या बीटेक 4 वर्ष का अंडरग्रेजुएट कोर्स है.
इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (ईईई) के तहत दरअसल, इलेक्ट्रिसिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रोमैग्नेटिज्म के एप्लीकेशन्स शामिल होते हैं.
दसवीं क्लास पास करने के बाद अक्सर स्टूडेंट्स थोड़े कंफ्यूज हो जाते हैं कि आगे वे अपने लिए कौन-सी करियर लाइन चुनें.
इंडियन इंजीनियर्स के बीच कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग इन दिनों बेहद लोकप्रिय करियर ऑप्शन बन चुकी है.
मैकेनिकल इंजीनियरिंग सबसे पुराने और व्यापक विषयों में से एक इंजीनियरिंग विषय है. यह मशीन्स और टूल्स की डिजाइनिंग, प्रोडक्शन और ऑपरेशन के लिए हीट और मैकेनिकल पॉवर के उत्पादन और इस्तेमाल से संबद्ध है. इस फील्ड में करियर शुरू करने वाले छात्रों के लिये यह बहुत जरुरी है कि उन्हें कोर कन्सेप्ट्स जैसेकि, मैकेनिक्स, कीनेमेटीक्स, थर्मोडायनामिक्स, मेटीरियल साइंस, स्ट्रक्चरल एनालिसिस आदि की अच्छी समझ होनी चाहिए.