स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स के लिए बायोकेमिकल इंजीनियरिंग में करियर ऑप्शन्स

बायोकेमिकल इंजीनियरिंग में जैविक अणु से सम्बन्धित यूनिट प्रक्रियाओं के अध्ययन, डिजाइन और निर्माण से जुड़े सभी कार्यों का अध्ययन किया जाता है.

Gaurav Macwan
Mar 19, 2021, 20:27 IST
Biomechanical Engineering
Biomechanical Engineering

बायोकेमिकल इंजीनियरिंग में जैविक अणु से सम्बन्धित यूनिट प्रक्रियाओं के अध्ययन, डिजाइन और निर्माण से जुड़े सभी कार्यों का अध्ययन किया जाता है. यह इंजीनियरिंग रासायनिक इंजीनियरिंग (केमिकल इंजीनियरिंग, जैव रसायन (बायो केमिस्ट्री) और सूक्ष्म जीव (माइक्रो बायोलॉजी) साइंस से भी संबंधित है. बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के तहत स्टूडेंट्स को जैव प्रौद्योगिकी (बायो टेक्नोलॉजी), जैव रासायनिक इंजीनियरिंग (बायोकेमिकल इंजीनियरिंग), माइक्रोबियल और एंजाइम सिस्टम में ट्रेंड किया जाता है.

भारत में बायोकेमिकल इंजीनियरिंग करवाने वाले प्रमुख एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स

हमारे देश में आप निम्नलिखित प्रमुख एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स से बायोकेमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री कोर्सेज ज्वाइन कर सकते हैं:

  • अमरावती यूनिवर्सिटी
  • अन्ना यूनिवर्सिटी, सेंटर फॉर बायो टेक्नोलॉजी
  • बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी
  • बनस्थली विद्यापीठ
  • भारथियार यूनिवर्सिटी
  • बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस
  • सेंटर फॉर सेलुलर एंड मोल्यूकूलर बायोलॉजी  
  • कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी
  • कंसोर्टियम इंडिया लिमिटेड
  • देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी
  • गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी
  • गुवाहाटी यूनिवर्सिटी
  • बायो इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर (बीईआरसी) - नवी मुंबई
  • आईआईटी दिल्ली
  • गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस
  • जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी
  • रविशंकर शुक्ला यूनिवर्सिटी
  • ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी
  • जवाहर लाल नेहरू टेक्नीकल यूनिवर्सिटी
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी - इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, आईआईटी पवई
  • गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी
  • पीएसजी कॉलेज ऑफ टैक्नोलॉजी - कोयंबटूर, तमिलनाडु
  • महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी, वडोदरा
  • यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग - हैदराबाद, आंध्र प्रदेश
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी
  • मैसूर यूनिवर्सिटी
  • तमिलनाडु जीडी नायडू एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी
  • दिल्ली यूनिवर्सिटी
  • वीआईटी यूनिवर्सिटी- वेल्लोर, तमिलनाडु
  • महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी
  • मदुरै - कामराज यूनिवर्सिटी
  • कलकत्ता यूनिवर्सिटी
  • रुड़की यूनिवर्सिटी
  • कालीकट यूनिवर्सिटी
  • उत्तर महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी
  • एसआरएम यूनिवर्सिटी, चेन्नई
  • हैदराबाद यूनिवर्सिटी
  • मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी
  • डॉ हरि सिंह गौर यूनिवर्सिटी
  • डॉ यशवंत सिंह परमार यूनिवर्सिटी
  • गोवा यूनिवर्सिटी
  • हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी
  • आईआईटी खड़गपुर
  • जादवपुर यूनिवर्सिटी
  • जिवाजी यूनिवर्सिटी
  • कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी
  • पटना यूनिवर्सिटी
  • पंजाब यूनिवर्सिटी
  • पंजाबी यूनिवर्सिटी
  • तेजपुर यूनिवर्सिटी
  • चेन्नई यूनिवर्सिटी
  • केरल यूनिवर्सिटी
  • पुणे यूनिवर्सिटी
  • अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी

भारत में बायोकेमिकल इंजीनियर्स का करियर स्कोप

बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बहुत सारे अवसर उपलब्ध हैं. बायो केमिकल इंजीनियर्स उन पौधों पर शोध करते हैं जो रंग, जैव-ईंधन, शराब, स्टेरॉयड, एंजाइम, बायो-उर्वरक, या जैव-विश्लेषकों का उत्पादन करते हैं एवं जिनका उपयोग केमोथेरेपी या खाद्य प्रसंस्करण तथा फर्मेंटेशन प्रोसेस से जुड़े इंडस्ट्री में किया जाता है.

इसके अलावा, बायोमेकेनिकल इंजीनियर खेल, मेडिकल और पुनर्वास जैसे क्षेत्रों में भी काम करते हैं. मेडिकल क्षेत्र में काम करने वाले लोग सेल्स और टिश्यूज  के साथ काम करने में विशेषज्ञ होते हैं. वे सेल्स और टिश्यूज  के मेकेनिज्म और मैकेनोबायोलॉजी का अध्ययन करते हैं. ये इंजीनियर कई बीमारियों को समाप्त करने की उम्मीद करते हुए मानव टिश्यू बनाने की कोशिश करते हुए लेबोरेट्रीज  में अधिक समय बिताते हैं.

बायोकेमिकल इंजीनियरिंग का क्षेत्र लगातार बदल रहा है. करियर में उन्नति आगे की शिक्षा और नवीनतम सर्टिफिकेट पर निर्भर करती है. इस क्षेत्र में एक रजिस्टर्ड प्रोफेशनल इंजीनियर किसी फर्म के मैनेजमेंट पदों के एडवांसमेंट में मदद कर सकता है.

बायोकेमिकल इंजीनियर्स का जॉब प्रोफाइल

बायोकेमिकल इंजीनियर, सेल्स वायरस,प्रोटीन तथा अन्य जैविक पदार्थों के अधिकतम विकास तथा इसके मार्ग में आने वाले अवरोध को दूर करने के उपाय का अध्ययन करते हैं.

वे एक विशिष्ट वातावरण में कच्चे पदार्थों की प्रतिक्रिया का निरीक्षण करते हैं. उसके बाद, वे इन सामग्रियों से ही  नए यौगिकों के निर्माण के लिए कुछ नई प्रक्रियाओं को विकसित करते हैं. नए यौगिकों को आम जनता के उपयोग हेतु बड़े पैमाने पर उत्पादित किया जाता है.

डिजाइन के काम के अलावा, बायोकेमिकल इंजीनियर को प्रोसेस तथा प्रोडक्ट डेवेलपमेंट के लिए भी काम करना पड़ता है. साथ ही विकसित उत्पादों के बारे में पर्याप्त जानकारी प्रदान करने के लिए उन्हें शोध कर्मियों और विनिर्माण कर्मियों के साथ काम करने की जरुरत पड़ती है.

इनोवेशन  के तहत इन्हें नई टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट को विकसित करने के लिए साथी केमिस्ट और बायोलॉजिस्ट के साथ मिलकर काम करना पड़ता है.

बायोकेमिकल इंजीनियरों को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि किसी भी रिसर्च या एक्सपेरिमेंट से जुड़े दस्तावेज भलीभांति तैयार किये गए हैं या नहीं.

बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के सब-सब्जेक्ट्स

बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के तहत अध्ययन किए जाने वाले विभिन्न विषय हैं. कुछ महत्वपूर्ण विषय और अवधारणाएं नीचे दी गई हैं:

  • बायोकेमिस्ट्री
  • बायो इंटरप्रेंयोरशिप
  • बायोप्रोसेस
  • एनवायरमेंटल बायोटेक्नोलॉजी
  • एनवायरमेंटल स्टडी  
  • फर्टिलाइजर टेक्नोलॉजी
  • और्गॆनिक केमेस्ट्री
  • पॉलिमर इंडस्ट्री
  • इम्म्यूनोलॉजी
  • बायोप्सी
  • मेटाबोलिक रेगुलेशन और इंजीनियरिंग
  • माइक्रो बायोलॉजी
  • आण्विक जीवविज्ञान और जेनेटिक्स
  • बायोप्रोसेस टेक्नोलॉजी
  • एंजाइम इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
  • केमिकल इंजीनियरिंग थर्मोडायनामिक्स

 अंडर ग्रेजुएशन के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया

अभ्यर्थियों के पास फीजिक्स, केमेस्ट्री,  मैथ्स और बायोलॉजी विषय के साथ कुल विषयों के रूप में मान्य योग्यता अंकों के साथ 10 + 2 का प्रमाण पत्र होना चाहिए.

अधिकांश कॉलेज परीक्षण के लिए उपस्थित होने की शर्त के रूप में न्यूनतम 50% अंकों की मांग करते हैं.

अंडर ग्रेजुएशन कोर्स के लिए परीक्षा का पाठ्यक्रम

इस परीक्षा के परीक्षा पत्र में दो भाग हैं. इस परीक्षा में एकाधिक विकल्प वाले प्रश्न पूछे जाते हैं. उम्मीदवारों के लिए 3 घंटे का समय, सवालों का जवाब देने के लिए आवंटित किया जाता है. इस पत्र के भाग I और भाग II में तीन खंड होते हैं.  इन वर्गों में शामिल विषय हैं:

  • केमिस्ट्री
  • मैथ्स
  • फीजिक्स

गलत उत्तर दिए गए सवालों के लिए नकारात्मक अंकन का प्रावधान है. परीक्षाओं की सूची नीचे दी गई है.

  • ऑल इंडिया इंजीनियरिंग इंट्रेंस एग्जाम (एआईईईई)
  • भारत यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग इंट्रेंस एग्जाम
  • बायोटेक कंसोर्टियम इंडिया लिमिटेड (बीसीआईएल) कॉमन इंट्रेंस एग्जाम
  • इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर एंड मेडिकल कॉमन इंट्रेंस एग्जाम (ईएएमसीईटी)
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी – ज्वाइंट इंट्रेंस एग्जामिनेशन (आईआईटी-जेईई)
  • जादवपुर यूनिवर्सिटी बायोमेडिकल इंजीनियरिंग इंट्रेंस एग्जामिनेशन
  • संत लैंगोवाल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी इंट्रेंस टेस्ट (एसआईएलईटी) (बीई / बीटेक)
  • वीआईटी इंजीनियरिंग इंट्रेंस एग्जामिनेशन

भारत में बायोकेमिकल इंजीनियर्स के लिए रोजगार के प्रमुख क्षेत्र

  • टेक्सटाइल मेन्युफैक्चरिंग कम्पनीज
  • हेल्थ केयर सेक्टर
  • पेपर मेन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज
  • वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
  • फार्मास्यूटिकल्स
  • एयरोस्पेस कम्पनीज
  • केमिकल प्लांट्स
  • फूड इंडस्ट्री
  • माइनिंग इंजीनियरिंग कम्पनीज
  • पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग कम्पनीज
  • आयल एंड नेचुरल गैस इंडस्ट्री
  • वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट्स
  • प्लास्टिक एंड पॉलिमर मेन्युफैक्चरिंग यूनिट्स

पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम्स

पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेज में एडमिशन के लिए उम्मीदवारों के पास  बायो केमिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग / बी.टेक की डिग्री के साथ साथ पीजी प्रोग्राम के इंट्रेंस एग्जाम में अच्छा स्कोर होना चाहिए.

ये टेस्ट विभिन्न राज्य, केंद्रीय और निजी विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित किए जाते हैं. सभी परीक्षाओं में बी.टेक के सिलेबस से महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे जाते हैं.

महत्वपूर्ण एंट्रेंस एग्जाम्स

  • ऑल इंडिया पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल इंट्रेंस एग्जाम
  • डिप्लोमा धारकों के लिए जवाहर लाल नेहरू टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग कॉमन इंट्रेंस टेस्ट (ईसीईटी एफडीएच)
  • संत लैंगोवाल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी इंट्रेंस टेस्ट (एसआईएलईटी) (एमटेक)
  • ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग
  • जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी कंबाइंड इंट्रेंस एग्जामिनेशन
  • एसआरएम इंजीनियरिंग इंट्रेंस एग्जामिनेशन (एसआरएम ईईई)
  • अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में एमटेक हेतु बायोमेडिकल इंजीनियरिंग इंट्रेंस एग्जाम
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंट्रेंस एग्जाम (आईआईएसटी)

बायोकेमिकल इंजीनियरिंग क्या है?

बायोकेमिकल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग के तहत अणु से सम्बन्धित विभिन्न प्रक्रियाओं का अध्ययन और विश्लेषण किया जाता है. यह इंजीनियरिंग रासायनिक इंजीनियरिंग (केमिकल इंजीनियरिंग, जैव रसायन (बायो केमिस्ट्री) और सूक्ष्म जीव (माइक्रो बायोलॉजी) साइंस से भी गहन तौर पर संबद्ध है.

इसी तरह, बायोकेमिकल इंजीनियरिंग, काइनेटिक ग्रोथ, मृत्यु और मेटाबोलिज्म, एजिटेशन, फर्मेंटेशन, मास ट्रांसफर और एंजाइम टेक्नोलॉजी से भी संबंधित है. बायोकेमिकल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल हेल्थ सेक्टर, एग्रीकल्चर और मेडिसिन की फ़ील्ड्स में अक्सर किया जाता है.

Gaurav Macwan is a content industry professional with 10+ years of experience in education and career development in digital and print media. He's a graduate in Political Science and has previously worked with organizations like Times Internet. Currently, he writes and manages content development for College and Careers sections of Jagranjosh.com. He can be reached at gaurav.macwan@jagrannewmedia.com.
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