बायोकेमिकल इंजीनियरिंग में जैविक अणु से सम्बन्धित यूनिट प्रक्रियाओं के अध्ययन, डिजाइन और निर्माण से जुड़े सभी कार्यों का अध्ययन किया जाता है. यह इंजीनियरिंग रासायनिक इंजीनियरिंग (केमिकल इंजीनियरिंग, जैव रसायन (बायो केमिस्ट्री) और सूक्ष्म जीव (माइक्रो बायोलॉजी) साइंस से भी संबंधित है. बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के तहत स्टूडेंट्स को जैव प्रौद्योगिकी (बायो टेक्नोलॉजी), जैव रासायनिक इंजीनियरिंग (बायोकेमिकल इंजीनियरिंग), माइक्रोबियल और एंजाइम सिस्टम में ट्रेंड किया जाता है.
हमारे देश में आप निम्नलिखित प्रमुख एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स से बायोकेमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री कोर्सेज ज्वाइन कर सकते हैं:
बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बहुत सारे अवसर उपलब्ध हैं. बायो केमिकल इंजीनियर्स उन पौधों पर शोध करते हैं जो रंग, जैव-ईंधन, शराब, स्टेरॉयड, एंजाइम, बायो-उर्वरक, या जैव-विश्लेषकों का उत्पादन करते हैं एवं जिनका उपयोग केमोथेरेपी या खाद्य प्रसंस्करण तथा फर्मेंटेशन प्रोसेस से जुड़े इंडस्ट्री में किया जाता है.
इसके अलावा, बायोमेकेनिकल इंजीनियर खेल, मेडिकल और पुनर्वास जैसे क्षेत्रों में भी काम करते हैं. मेडिकल क्षेत्र में काम करने वाले लोग सेल्स और टिश्यूज के साथ काम करने में विशेषज्ञ होते हैं. वे सेल्स और टिश्यूज के मेकेनिज्म और मैकेनोबायोलॉजी का अध्ययन करते हैं. ये इंजीनियर कई बीमारियों को समाप्त करने की उम्मीद करते हुए मानव टिश्यू बनाने की कोशिश करते हुए लेबोरेट्रीज में अधिक समय बिताते हैं.
बायोकेमिकल इंजीनियरिंग का क्षेत्र लगातार बदल रहा है. करियर में उन्नति आगे की शिक्षा और नवीनतम सर्टिफिकेट पर निर्भर करती है. इस क्षेत्र में एक रजिस्टर्ड प्रोफेशनल इंजीनियर किसी फर्म के मैनेजमेंट पदों के एडवांसमेंट में मदद कर सकता है.
बायोकेमिकल इंजीनियर, सेल्स वायरस,प्रोटीन तथा अन्य जैविक पदार्थों के अधिकतम विकास तथा इसके मार्ग में आने वाले अवरोध को दूर करने के उपाय का अध्ययन करते हैं.
वे एक विशिष्ट वातावरण में कच्चे पदार्थों की प्रतिक्रिया का निरीक्षण करते हैं. उसके बाद, वे इन सामग्रियों से ही नए यौगिकों के निर्माण के लिए कुछ नई प्रक्रियाओं को विकसित करते हैं. नए यौगिकों को आम जनता के उपयोग हेतु बड़े पैमाने पर उत्पादित किया जाता है.
डिजाइन के काम के अलावा, बायोकेमिकल इंजीनियर को प्रोसेस तथा प्रोडक्ट डेवेलपमेंट के लिए भी काम करना पड़ता है. साथ ही विकसित उत्पादों के बारे में पर्याप्त जानकारी प्रदान करने के लिए उन्हें शोध कर्मियों और विनिर्माण कर्मियों के साथ काम करने की जरुरत पड़ती है.
इनोवेशन के तहत इन्हें नई टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट को विकसित करने के लिए साथी केमिस्ट और बायोलॉजिस्ट के साथ मिलकर काम करना पड़ता है.
बायोकेमिकल इंजीनियरों को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि किसी भी रिसर्च या एक्सपेरिमेंट से जुड़े दस्तावेज भलीभांति तैयार किये गए हैं या नहीं.
बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के तहत अध्ययन किए जाने वाले विभिन्न विषय हैं. कुछ महत्वपूर्ण विषय और अवधारणाएं नीचे दी गई हैं:
अंडर ग्रेजुएशन के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
अभ्यर्थियों के पास फीजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स और बायोलॉजी विषय के साथ कुल विषयों के रूप में मान्य योग्यता अंकों के साथ 10 + 2 का प्रमाण पत्र होना चाहिए.
अधिकांश कॉलेज परीक्षण के लिए उपस्थित होने की शर्त के रूप में न्यूनतम 50% अंकों की मांग करते हैं.
अंडर ग्रेजुएशन कोर्स के लिए परीक्षा का पाठ्यक्रम
इस परीक्षा के परीक्षा पत्र में दो भाग हैं. इस परीक्षा में एकाधिक विकल्प वाले प्रश्न पूछे जाते हैं. उम्मीदवारों के लिए 3 घंटे का समय, सवालों का जवाब देने के लिए आवंटित किया जाता है. इस पत्र के भाग I और भाग II में तीन खंड होते हैं. इन वर्गों में शामिल विषय हैं:
गलत उत्तर दिए गए सवालों के लिए नकारात्मक अंकन का प्रावधान है. परीक्षाओं की सूची नीचे दी गई है.
पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम्स
पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेज में एडमिशन के लिए उम्मीदवारों के पास बायो केमिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग / बी.टेक की डिग्री के साथ साथ पीजी प्रोग्राम के इंट्रेंस एग्जाम में अच्छा स्कोर होना चाहिए.
ये टेस्ट विभिन्न राज्य, केंद्रीय और निजी विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित किए जाते हैं. सभी परीक्षाओं में बी.टेक के सिलेबस से महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे जाते हैं.
महत्वपूर्ण एंट्रेंस एग्जाम्स
बायोकेमिकल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग के तहत अणु से सम्बन्धित विभिन्न प्रक्रियाओं का अध्ययन और विश्लेषण किया जाता है. यह इंजीनियरिंग रासायनिक इंजीनियरिंग (केमिकल इंजीनियरिंग, जैव रसायन (बायो केमिस्ट्री) और सूक्ष्म जीव (माइक्रो बायोलॉजी) साइंस से भी गहन तौर पर संबद्ध है.
इसी तरह, बायोकेमिकल इंजीनियरिंग, काइनेटिक ग्रोथ, मृत्यु और मेटाबोलिज्म, एजिटेशन, फर्मेंटेशन, मास ट्रांसफर और एंजाइम टेक्नोलॉजी से भी संबंधित है. बायोकेमिकल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल हेल्थ सेक्टर, एग्रीकल्चर और मेडिसिन की फ़ील्ड्स में अक्सर किया जाता है.