इंडियन इंजीनियर्स के बीच कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग इन दिनों बेहद लोकप्रिय करियर ऑप्शन बन चुकी है. कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (सीएसई) के तहत कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और नेटवर्किंग के बेसिक एलिमेंट्स पर फोकस किया जाता है.
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग का परिचय
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (सीएसई) इन दिनों भारत में इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स और यंग इंजीनियर्स के बीच सबसे लोकप्रिय कोर्सेज में से एक है. इस कोर्स के तहत कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और नेटवर्किंग के बेसिक एलिमेंट्स के बारे में अध्ययन किया जाता है. कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग करने वाले स्टूडेंट्स को हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के संबंध में इनफॉर्मेशन सिस्टम की डिजाइनिंग, इम्प्लीमेंटेशन और मैनेजमेंट के बारे में भी पढ़ाया जाता है. उन्हें कम्प्यूटेशन और कम्प्यूटेशनल सिस्टम्स के डिज़ाइन की थ्योरी के बारे में भी पढ़ाया जाता है. कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग का संबंध इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैथमेटिक्स और लिंग्विस्टिक्स से भी है.
कंप्यूटर साइंस इंजीनियर के प्रमुख कार्य
ये प्रोफेशनल्स अपने करियर इंटरेस्ट्स और स्पेशलाइजेशन के मुताबिक विभिन्न फ़ील्ड्स में काम कर सकते हैं. अगर आपने सॉफ्टवेयर में स्पेशलाइजेशन किया है तो आपके काम में मुख्य रूप से विभिन्न इंडस्ट्रीज के लिए सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन्स को डिज़ाइन और डेवलप करने से जुड़े सभी काम शामिल होंगे. इसी तरह, आप विंडोज जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम्स के लिए कोड्स और अल्गोरिथ्म्स भी तैयार करेंगे.
एक हार्डवेयर स्पेशलिस्ट के तौर पर, आप पीसी और लैपटॉप्स के लिए हार्डवेयर कंपोनेंट्स को डिज़ाइन और डेवलप करने का कार्य करेंगे. कंप्यूटर इंजीनियर्स किसी इंडस्ट्री के भीतर विभिन्न सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और नेटवर्किंग कार्यों को भी मैनेज करता है. आप प्रिंटर्स, मोडेम्स, स्कैनर्स सहित अन्य पेरिफेरल कंप्यूटिंग डिवाइसेज के लिए सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर भी काम कर सकते हैं.
भारत में कंप्यूटर साइंस में विभिन्न कोर्सेज
पूरे विश्व में तकरीबन सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटीज कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में कई तरह के कोर्स ऑफर करते हैं. कंप्यूटर साइंस कोर्सेज के लिए एकेडेमिक क्राइटेरिया को इन 3 प्रमुख श्रणियों में बांटा जा सकता है: डिप्लोमा कोर्सेज, अंडरग्रेजुएट कोर्सेज और पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज. आइये आगे पढ़ें:
- डिप्लोमा कोर्सेज – ये कोर्सेज पॉलिटेक्निक डिप्लोमा से संबद्ध हैं और इन कोर्सेज की अवधि या ड्यूरेशन 3 वर्ष है.
- अंडरग्रेजुएट कोर्सेज – अंडरग्रेजुएट लेवल कोर्स पूरा करने पर आपको कंप्यूटर इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी अर्थात बीटेक की डिग्री मिलती है और इस कोर्स की अवधि 4 वर्ष है.
- पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज - ये मास्टर लेवल के कोर्सेज हैं जिन्हें सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ़ टेक्नोलॉजी अर्थात एमटेक की डिग्री मिलती है और इन कोर्सेज की अवधि 2 वर्ष है.
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के विभिन्न कोर्सेज में कुछ कोर सब्जेक्ट्स निम्नलिखित हैं:
क्लाउड कंप्यूटिंग
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कंप्यूटर आर्किटेक्चर एंड ऑर्गेनाइजेशन
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कंप्यूटर नेटवर्क्स
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डाटा बेस मैनेजमेंट सिस्टम्स
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ऑपरेटिंग सिस्टम्स (यूनिक्स प्रोग्रामिंग)
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कम्पाइलर डिजाइनिंग
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डाटा स्ट्रक्चर एंड अल्गोरिथ्म्स
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डिज़ाइन एंड एनालिसिस ऑफ़ अल्गोरिथ्म्स
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डिस्ट्रिब्यूटेड कंप्यूटिंग सिस्टम्स
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सॉफ्टवेयर टेस्टिंग
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भारत में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग कोर्सेज में एडमिशन की प्रोसेस और एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
अधिकांश कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग कोर्सेज में एडमिशन एंट्रेंस एग्जाम्स के माध्यम से होता है. ये एग्जाम्स नेशनल, स्टेट और यूनिवर्सिटी लेवल पर संबद्ध अथॉरिटीज द्वारा आयोजित किये जाते हैं. हालांकि, इन एंट्रेंस एग्जाम्स में शामिल होने के लिए आपको पहले कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के विभिन्न कोर्सेज के लिए आवश्यक एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया क्वालीफाई करना होगा.
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में डिप्लोमा, अंडरग्रेजुएट कोर्सेज या पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज में से कोई भी कोर्स करने के लिए छात्रों के पास मैथमेटिक्स और साइंस विषयों की मजबूत बैकग्राउंड होनी चाहिए. विभिन्न कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग कोर्सेज के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया निम्नलिखित है –
- डिप्लोमा कोर्सेज – कैंडिडेट ने किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशन बोर्ड से 10 वीं क्लास का एग्जाम पास किया हो.
- अंडरग्रेजुएट कोर्सेज – कैंडिडेट ने किसी मान्यताप्राप्त बोर्ड से मुख्य विषय फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स के साथ 10+2 एग्जाम पास किया हो. छात्र ने सभी विषयों में मिनिमम क्वालीफाइंग एग्रीगेट मार्क्स भी प्राप्त किये हों.
- पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज – कैंडिडेट ने अंडरग्रेजुएट कोर्स लेवल पर जो विषय पढ़े हैं, उन सभी विषयों में मिनिमम पास परसेंटेज के साथ बीटेक की डिग्री होनी चाहिए.
भारत में कंप्यूटर साइंस कोर्सेज के लिए एंट्रेंस एग्जाम्स
बीटेक कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए, सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से मान्य एंट्रेंस एग्जाम जीईई मेन्स एग्जाम है. यह पूरे देश में बीटेक प्रोग्राम्स में एडमिशन्स लेने के लिए सीबीएसई बोर्ड्स द्वारा आयोजित एक नेशनल लेवल कॉमन एंट्रेंस एग्जाम है. इसी तरह, अगर आप एमटेक कोर्सेज में एडमिशन लेना चाहते हैं तो आपको गेट एग्जाम पास करना होगा. कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग कोर्सेज के लिये कुछ अन्य प्रसिद्ध एंट्रेंस एग्जाम्स निम्नलिखित हैं:
अंडरग्रेजुएट लेवल के एंट्रेंस एग्जाम्स
नेशनल लेवल एग्जाम्स
- जीईई मेन्स – पूरे भारत में अधिकांश इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन लेने के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम.
- जीईई एडवांस्ड – सुप्रसिद्ध आईआईटीज में एडमिशन लेने के लिए यह एग्जाम पास करना होता है. जीईई एडवांस्ड एग्जाम देश के सबसे मुश्किल इंजीनियरिंग एग्जाम्स में से एक है.
यूनिवर्सिटी लेवल एग्जाम्स
- बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस एडमिशन टेस्ट (बीआईटीएसएटी) –यह जेईई के बाद सबसे लोकप्रिय इंजीनियरिंग एग्जाम है. बीआईटीएसएटी को जेईई एडवांस्ड एंट्रेंस एग्जाम के समान ही कठिन माना जाता है. यह एग्जाम छात्रों को पिलानी, गोवा और हैदराबाद में बीआईटीएस कैंपसेस में एडमिशन लेने के लिए पास करना होता है.
- वीआईटी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (वीआईटीईई) -वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी द्वारा अपने यहां ऑफर किए गए विभिन्न इंजीनियरिंग कोर्सेज में एडमिशन के लिए आयोजित किया जाता है. यह कॉलेज भारत के सर्वश्रेष्ठ प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक है.
पोस्टग्रेजुएट लेवल
नेशनल लेवल
- इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट (गेट) -गेट इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी द्वारा ऑफर किए गए विभिन्न एमटेक कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए पास करना जरुरी है.
- बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस हायर डिग्री एग्जाम (बीआईटीएस एचडी) -बीआईटीएस एचडी एग्जाम बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बीआईटीएस) द्वारा पिलानी, गोवा और हैदराबाद कैंपसेस में ऑफर किए गए विभिन्न हायर डिग्री प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए पास करना जरुरी है.
यूनिवर्सिटी लेवल
- यूपीईएस एमटेक इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (यूपीईएस एमईईटी) –अपने एमटेक प्रोग्राम्स में एडमिशन देने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडी द्वारा यह एग्जाम लिया जाता है.
- वीआईटीएमईई (वीआईटी मास्टर्स एंट्रेंस एग्जाम) - यह एंट्रेंस एग्जाम वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) यूनिवर्सिटी द्वारा अपने यहां मास्टर प्रोग्राम्स में एडमिशन देने के लिए लिया जाता है.
टॉप इंडियन कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट्स
भारत में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के टॉप 10 इंस्टिट्यूट्स निम्नलिखित हैं:
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास, मद्रास
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी बॉम्बे, बॉम्बे
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी खड़गपुर, खड़गपुर
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी दिल्ली, दिल्ली
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी कानपुर, कानपुर
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी रुड़की, रुड़की
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी गुवाहाटी, गुवाहाटी
- अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
- जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी हैदराबाद, हैदराबाद
इंडियन इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के लिए फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की फील्ड में कोई कोर्स करने वाले छात्रों के फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स शानदार होते हैं. कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के बढ़ते हुए प्रभाव के कुछ महत्वपूर्ण कारण इस प्रकार हैं:
- आजकल हम जिस दुनिया में जी रहे हैं, वह दुनिया पूरी तरह टेक्नोलॉजिकल उन्नति पर निर्भर करती है. इन टेक्नोलॉजिकल उन्नतियों के बिना हम आजकल भविष्य की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. रोजाना नई से नई टेक्नोलॉजीज विकसित की जा रही हैं.
- पूरी दुनिया में सॉफ्टवेयर कंपनियों और आईटी हब्स की बढ़ती हुई संख्या से इस बात का साफ पता चलता है कि टेक्नोलॉजिकल सेक्टर में बहुत तेज़ी से विकास हो रहा है. इंडस्ट्री में इस विकास के कारण बेहतरीन सीएसई एक्सपर्ट्स की मांग लगातार बढ़ रही है.
भारत में कंप्यूटर साइंस इंजीनियर्स के लिए प्रमुख करियर ऑप्शन्स
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में जॉब के ढेरों अवसर मौजूद हैं. आप अपनी ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद डाटाबेस मैनेजमेंट, एम्बेडेड सिस्टम्स, आईटी, टेलीकम्यूनिकेशन्स, मल्टीमीडिया, कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर इम्प्लीमेंटेशन, गेमिंग, वेब डिजाइनिंग, कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर मेंटेनेंस और अन्य संबद्ध इंडस्ट्रीज में करियर के आकर्षक अवसर आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.
- सॉफ्टवेयर डेवलपर्स: ये प्रोफेशनल्स सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट प्रोसेस की विभिन्न एक्टिविटीज जैसेकि डिजाइनिंग, कोडिंग, प्रोग्रामिंग, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट आदि से संबद्ध काम करते हैं.
- हार्डवेयर इंजीनियरर्स: एक हार्डवेयर इंजीनियर के तौर पर आपको विभिन्न इंडस्ट्रीज में कंप्यूटर हार्डवेयर से संबद्ध रिसर्च, डेवेलपमेंट, टेस्टिंग, ओवरसीइंग और इंस्टालेशन के कार्य करने होंगे.
- सिस्टम एनालिस्ट: एक सिस्टम एनालिस्ट के तौर पर आपके काम में मौजूदा प्रोग्राम्स से संबद्ध रिसर्च और प्रॉब्लम का समाधान पेश करने के कार्य शामिल होंगे. आपको सॉफ्टवेयर और सिस्टम से संबद्ध प्रॉब्लम्स के लिए सॉल्युशन्स पेश करने होंगे और बिजनेस डेवलपमेंट टीम्स के बीच कोआर्डिनेशन कायम करने का कार्य भी करना होगा.
- नेटवर्किंग इंजीनियर्स: एक नेटवर्किंग इंजीनियर के तौर पर, आपको मुख्य रूप से कंप्यूटर नेटवर्क्स की डिजाइनिंग, इम्प्लीमेंटेशन और ट्रबलशूटिंग के कार्य करने होंगे.
- डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर्स: एक डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर या किसी डीबीए के तौर पर, आपका काम किसी संगठन के डाटाबेस को डिज़ाइन, इम्प्लीमेंट, मेनटेन और रिपेयर करना होगा. कुछ आईटी सेक्टर्स डाटाबेस में, एडमिनिस्ट्रेटर्स को डाटाबेस कोऑर्डिनेटर या डाटाबेस प्रोग्रामर के तौर पर भी जाना जाता है.
इस कोर्स को करने के बाद अन्य बढ़िया करियर ऑप्शन्स प्रोफेसर, कंप्यूटर प्रोग्रामर, सिस्टम डिज़ाइनर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सॉफ्टवेयर डेवलपर, सॉफ्टवेयर टेस्टर, मोबाइल ऐप डेवलपर, आईटी एडमिनिस्ट्रेटर, ई-कॉमर्स स्पेशलिस्ट, डाटा वेयरहाउस एनालिस्ट आदि हैं.
भारत में कंप्यूटर साइंस इंजीनियर्स इन प्रमुख फर्म्स में जॉब के लिए करें अप्लाई
- एचसीएल
- माइक्रोसॉफ्ट
- गूगल
- सन माइक्रोसिस्टम्स
- टीसीएस
- कॉग्निजेंट
- एडोब
- एक्सेंचर
- आईबीएम
- सिस्को
- याहू
- इंफोसिस
- ओरेकल
- टेक महिंद्रा
भारत में कंप्यूटर इंजीनियर को मिलने वाला सैलरी पैकेज
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग एक ऐसी फील्ड है जो छात्रों को हाईएस्ट सैलरी पैकेज ऑफर करती है. एक फ्रेशर के तौर पर, आप भारत में अपने करियर की शुरुआत में 2 लाख प्रति वर्ष से 3 लाख प्रतिवर्ष सैलरी पैकेज की उम्मीद कर सकते हैं. हालांकि, अगर आप काफी किस्मत वाले हैं और भारत से बाहर किसी देश में आपको जॉब मिल जाए तो आप 6 अंकों में सैलरी प्राप्त कर सकते हैं. आपकी संभावनाओं के आधार पर आपको ऑफर की जाने वाली सैलरी मुख्य रूप से निर्भर करती है.