केंद्र सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की केंद्रीय सूची में 15 नई जातियों को शामिल करने की मंजूरी प्रदान की है. सरकार ने 13 अन्य जातियों में भी संशोधन को स्वीकृति दी है. बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. एनसीबीसी ने केंद्र की ओबीसी लिस्ट में करीब 50 के आसपास नई जातियों को शामिल करने की सिफारिश की.
मुख्य तथ्य-
- पिछड़े वर्ग के राष्ट्रीय आयोग (एनसीबीसी) ने आठ राज्यों में कुल 28 बदलाव किए जाने की सिफारिश केंद्र सरकार से की थी.
- यह आठ राज्य असम, बिहार, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड हैं.
- अन्य पिछड़ा वर्ग की केंद्रीय सूची में किए गए 28 संशोधनों में से 15 नई प्रविष्टियां हैं.
- 9 समानार्थक शब्द की जाति हैं या फिर सूची में पहले से मौजूद जातियों की उप जातियां हैं.
- सूची में चार संशोधन किए गए हैं.
- केंद्र सरकार ने ओबीसी में क्रीमीलेयर के मानकों में ढील देने पर भी विचार किया है.
शैक्षणिक संस्थाओं और सरकारी नौकरियों में आरक्षण लाभ-
- कैबिनेट के निर्णय के नोटिफिकेशन के साथ ही केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल इन नई जातियों को शैक्षणिक संस्थाओं और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सुविधा मिलने लगेगी.
- इसके अलावा उन्हें केंद्र की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति व अन्य कल्याणकारी योजनाओं में भी आरक्षण का लाभ प्रदान किया जाएगा.
- एनडीए सरकार के कार्यकाल में दूसरी बार केन्द्रीय कैबिनेट ने केंद्र की ओबीसी लिस्ट में नई जातियों को शामिल करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है.
एनसीबीसी के बारे में-
- एनसीबीसी किसी जाति या उप जाति को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के अनुरोध की समीक्षा करता है.
- इसके अलावा ही आपत्तियों की सुनवाई भी करता है.
- एनसीबीसी की सिफारिशें केंद्र सरकार के लिए बाध्यकारी होती हैं.
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