एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने 30 सितंबर 2021 को नए वायुसेना प्रमुख का पदभार संभाल लिया है. उन्होंने आरकेएस भदौरिया की जगह ली है. निवर्तमान वायुसेना अध्यक्ष आरकेएस भदौरिया आज (30 सितंबर) वायुसेना से रिटायर हो गए. रिटायरमेंट से पहले निवर्तमान वायुसेना चीफ ने आज (30 सितंबर) दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
आरकेएस भदौरिया 42 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं. उन्होंने इस दौरान 36 राफेल और 83 मार्क1ए स्वदेशी तेजस जेट सहित दो मेगा लड़ाकू विमान सौदों में अहम भूमिका निभाई थी. उनका करियर 'पैंथर्स' स्क्वाड के साथ MIG-21 की उड़ान के शुरू हुआ था और फिर उसी एयरबेस पर और उसी स्क्वाड्रन के साथ ही समाप्त हुआ.
कौन है एयर मार्शल वीआर चौधरी?
- एयर मार्शल वीआर चौधरी 29 दिसंबर 1982 को भारतीय वायुसेना की युद्धक शाखा में शामिल हुए थे. चौधरी नेशनल डिफेंस अकैडमी (NDA) के छात्र रहे हैं. वे डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज से भी ग्रेजुएट हैं. उनका पूरा नाम विवेक राम चौधरी है.
- वीआर चौधरी को अलग-अलग तरह के लड़ाकू विमानों को उड़ाने में महारत हासिल है. वे वायु सेना के कुछ बेहद अहम मिशन का हिस्सा रहे हैं. उन्हीं में से ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन सफेद सागर शामिल हैं.
- अपने करियर के दौरान वीआर चौधरी को उनकी सेवा के लिए साल 2004 में वायु सेना मेडल, साल 2015 में अति विशिष्ट सेवा पदक और साल 2021 में परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है. उनकी गिनती बेहद तेजतर्रार अफसरों में होती है.
- वे एक योग्य फ्लाइट इंस्ट्रक्टर हैं. उन्हें मिग-21, मिग-23एमएफ, मिग-29 और सुखोई-30 एमकेआई सहित विभिन्न लड़ाकू विमानों पर 3800 घंटे से ज्यादा का उड़ान का अनुभव है. उन्होंने मिग-29 स्क्वाड्रन की कमान, फॉरवर्ड बेस की कमान और बाद में वायु सेना स्टेशन पुणे की कमान सहित सभी फील्ड पोजिशन पर काम किया है.
- उन्होंने असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ (पर्सनल ऑफिसर) और बाद में वायु सेना मुख्यालय, वायु सेना भवन, नई दिल्ली में उप वायु सेनाध्यक्ष के रूप में काम किया है. वे अक्टूबर 2019 से जुलाई 2020 तक पूर्वी वायु कमान के सीनियर एयर स्टाफ ऑफिसर के रूप में भी काम कर चुके हैं.
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