एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 30 मार्च 2020 को यह घोषणा की है कि वह सरकार द्वारा प्रवर्तित राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (एनआईआईएफ़) के माध्यम से भारत की अवसंरचना में 100 मिलियन डॉलर की राशि का निवेश करेगा.
एशियाई विकास बैंक राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष में निवेश करेगा ताकि 100 मिलियन डॉलर से अधिक धन का वास्तविक निवेश हो सके. एनआईआईएफ़ के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुजॉय बोस ने इस एडीबी के इस निर्णय का स्वागत किया है.
एशियाई विकास बैंक ने भारत में निवेश करने की यह घोषणा ऐसे समय पर की है जब भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित हो रही है. एनआईआईएफ़ के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुजॉय बोस ने बताया कि एडीबी पिछले दो दशकों से भी अधिक समय से भारतीय निजी कोष में अपना निवेश कर रहा है और एडीबी के वर्तमान निर्णय से उन इक्विटी फंड मैनेजरों को सहायता मिलेगी जो विदेशों से धन जुटाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
भारत में एशियाई विकास बैंक के 100 मिलियन डॉलर निवेश का महत्त्व
एशियाई विकास बैंक द्वारा एनआईआईएफ़ में निवेश करने से निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए दीर्घ अवधि के वित्तपोषण सहित योगदान में मदद मिलेगी.
इससे भारत की अवसंरचना के विकास के साथ देश का आर्थिक विकास और गुणवत्ता वाली नौकरियां मुहैया करवाने में सहायता मिलेगी.
एशियाई बैंक ने भारत की अवसंरचना के विकास के लिए निवेश की यह घोषणा ऐसे समय में की है जब भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस के चलते एक चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही है.
एशियाई विकास बैंक द्वारा किये जाने वाले इस निवेश से ऐसे प्राइवेट फंड मैनेजरों और उद्यमियों को मदद मिलेगी जिन्हें अपनी कंपनी के विकास के लिए पूंजी की आवश्कता है.
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के बारे में
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) एक क्षेत्रीय विकास बैंक है जिसकी स्थापना 19 दिसंबर, 1966 को हुई थी. इस बैंक का मुख्यालय मनिला, फिलीपींस में है और 31 क्षेत्रीय कार्यालय पूरी दुनिया में संचालित हैं. एशियाई विकास बैंक का मुख्य उद्देश्य एशिया में आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना है.
एनआईआईएफ़ के माध्यम से भारतीय अवसंरचना के विकास के लिए अपनी मौजूदा घोषणा के साथ ही बैंक ने तीन अन्य कोषों में अपना योगदान देने का भी वादा किया है और यह कुल रकम 2600 करोड़ रुपये या 350 मिलियन डॉलर है. ये तीनों निवेश देश के तीन विभिन्न क्षेत्रों में किये जायेंगे जिसके तहत माध्यम आय और किफायती आवास, हरित ऊर्जा और जलवायु और उद्यमी-संचालित मध्य-बाज़ार विकास कंपनियां शामिल हैं जो विविध क्षेत्रों में काम करती हैं.
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