आयुष मंत्रालय ने ई-औषधि पोर्टल की शुरूआत की

Feb 14, 2019, 13:29 IST

ई-औषधि पोर्टल का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, सूचना प्रबंधन सुविधा तथा आंकड़ों के इस्तेमाल में सुधार लाना और जवाबदेही को बढ़ाना है. आयुष मंत्रालय की इस पहल से ई-गवर्नेंस, कारोबारी सुगमता और ‘मेक इन इंडिया’ की दिशा में केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का पता चलता है.

AYUSH ministry launches e-AUSHADHI portal
AYUSH ministry launches e-AUSHADHI portal

आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद येसो नाइक ने 13 फरवरी 2019 को नई दिल्ली में आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी औषधियों की ऑनलाइन लाइसेंस प्रणाली के लिए ई-औषधि नामक पोर्टल की शुरूआत की.

आयुष मंत्रालय की इस पहल से ई-गवर्नेंस, कारोबारी सुगमता और ‘मेक इन इंडिया’ की दिशा में केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का पता चलता है.

 

उद्देश्य:

ई-औषधि पोर्टल का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, सूचना प्रबंधन सुविधा तथा आंकड़ों के इस्तेमाल में सुधार लाना और जवाबदेही को बढ़ाना है.

 

ई-औषधि पोर्टल के बारे में:

   यह पोर्टल लाइसेंस प्रदाता अधिकारी, निर्माताओं और उपभोक्ताओं के लिए मददगार होने के साथ-साथ लाइसेंस प्राप्त निर्माताओं तथा उनके उत्पादों, रद्द की गई और नकली औषधियों की जानकारी देने के अलावा शिकायतों के लिए संबंधित अधिकारी का संपर्क सूत्र भी तत्काल उपलब्ध कराएगा.

•   इस पोर्टल के माध्यम से आवेदनों की प्रक्रिया को समयबद्ध करने के लिए प्रत्येक चरण में पोर्टल के जरिये एसएमएस और ई-मेल के जरिये जानकारी दी जाएगी.

   यह नया ई-पोर्टल आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी ऑटोमेटेड ड्रग हेल्प इनिसियेटिव के लिए एक मूल आधार है.

 

आयुष मंत्रालय के बारे में:

आयुष मंत्रालय आयुष के चिकित्सकों, दवा निर्माताओं और उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान की दिशा में प्रयासरत है. आयुष मंत्रालय औषधि विज्ञान, दवाइयों के भण्डारण, अस्पतालों के लिये योजना बनाने से संबंधित तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराता हैं.

आयुष मंत्रालय की स्थापना 9 नवंबर 2014 को की गई थी. इससे पहले आयुष मंत्रालय को भारतीय चिकित्सा पद्धति और होम्योपैथी (आईएसएम एंड एच) विभाग के रूप में जाना जाता था. भारतीय चिकित्सा पद्धति और होम्योपैथी को मार्च 1995 में बनाया गया था.

आयुष मंत्रालय को भारतीय चिकित्सा पद्धति और होम्योपैथी (आईएसएम एंड एच) विभाग के रूप में जाना जाता था. भारतीय चिकित्सा पद्धति और होम्योपैथी को  मार्च 1995 में बनाया गया. नवंबर 2003 में इसके नाम में परिवर्तन किया गया. भारतीय चिकित्सा पद्धति और होम्योपैथी (आईएसएम एंड एच) को नया नाम आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (आयुष) के नाम दिया गया.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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