Bharat Bandh 2022: बैंक यूनियनों ने बैंकों के निजीकरण के विरोध में 28 मार्च और 29 मार्च 2022 को दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है. कर्मचारियों की हड़ताल से बैंकों के कामकाज पर प्रभाव पड़ सकता है. केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच द्वारा राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है.
आपको बता दें कि ये हड़ताल श्रमिकों, किसानों और लोगों को प्रभावित करने वाली सरकारी नीतियों के विरोध में की जा रही है. इस हड़ताल में बैंक कर्मचारी भी हिस्सा ले रहे हैं. रोडवेज, ट्रांसपोर्ट एवं बिजली विभाग के कर्मचारियों ने भी इस भारत बंद को समर्थन देने का फैसला किया है.
West Bengal | A 48 hours nationwide strike/bandh called by different trade unions to protest against govt policies to be observed today & tomorrow, March 28 & 29.
— ANI (@ANI) March 28, 2022
Visuals from Jadavpur, Kolkata pic.twitter.com/KIXENBe73Z
मुख्य बिंदु
ट्रेड संघों ने कोयला, दूरसंचार, पोस्टल, आयकर, स्टील, ऑयल, कॉपर, बैंक और बीमा क्षेत्रों को इस हड़ताल की सूचना देने वाला नोटिस भेजा है. दावा किया जा रहा है कि केंद्र वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अपनी नीतियों से कामगार वर्ग को परेशान कर रही है.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा कि दोनों दिन सरकारी बैंकों का कामकाज प्रभावित होगा. ऊर्जा मंत्रालय ने क्षेत्रीय एवं राज्य कंट्रोल रूम्स को हाई अलर्ट पर रखा है.
पावर मिनिस्ट्री ने 27 मार्च 2022 को सभी राज्यों को पत्र भेजकर बिजली सप्लाई सामान्य रूप से जारी रखने को कहा है. आपात स्थिति को संभालने हेतु पावर स्टेशनों पर अतिरिक्त मैनपावर तैनात करने को कहा गया है.
श्रम संगठनों का दावा है कि यूपी में लगभग 15 लाख कर्मचारी और मजदूर इसमें शामिल होंगे. इस दौरान बैंक, बीएसएनएल, डाक, एलआईसी एवं बिजली विभाग के कर्मचारी काम नहीं करेंगे.
भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के अतिरिक्त लगभग सभी ट्रेड यूनियन हड़ताल में भाग ले रहे हैं. संसद में, माकपा सांसद बिकाशरंजन भट्टाचार्य ने दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के मुद्दे पर चर्चा करने हेतु नियम 267 के तहत राज्यसभा में कार्य स्थगित करने का प्रस्ताव पेश किया है.
रेलवे एवं रक्षा क्षेत्र की यूनियनें देशभर में सैकड़ों जगह हड़ताल के समर्थन में भारत बंद करेंगी. एक बयान में कहा गया है सरकार की नीतियां आम जनता, मजदूर एवं किसान विरोधी हैं.
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