नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 26 अगस्त 2021 को बोइंग 737 मैक्स विमानों के वाणिज्यिक परिचालन पर लगी पाबंदी लगभग ढाई साल बाद हटा ली है. डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इस महत्वपूर्ण फैसले की पुष्टि की है. डीजीसीए ने 26 अगस्त 2021 को कहा कि कंपनी के इन प्लेन के उड़ान भरने पर लगाया गया प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से हटा लिया गया है.
डीजीसीए का यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. बताया गया है कि बैन हटने के बाद जल्दी ही बोइंग एयरक्राफ्ट उड़ान भरना शुरू कर देंगे. डीजीसीए ने लगभग ढाई साल पहले बोइंग के इस प्लेन के उड़ान भरने पर रोक लगा दी थी. उल्लेखनीय है कि साल 2019 में भारत ने दो बड़े हादसों के बाद इस विमान पर प्रतिबंध लगा दिया था.
जानें क्यों लगा था बैन?
गौरतलब है कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इथोपियाई एयरलाइंस 737 मैक्स विमान के 10 मार्च को आदिस अबाबा के समीप दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद 13 मार्च, 2019 को सभी बोइंग 737 मैक्स विमानों की उड़ानों पर रोक लगा दी थी. इस हादसे में 157 लोगों की मौत हो गई थी.
इससे पहले अक्टूबर 2018 में लॉयल एयर का 737 मैक्स विमान इंडोनेशिया में हादसे का शिकार हो गया था. इस दुर्घटना में 180 लोगों की जान चली गई थी. बता दें कि मार्च 2019 में भारत समेत कई देशों के विमानन नियामकों ने बोइंग 737 मैक्स विमान के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया था.
विमान में कई बदलाव
विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने मार्च 2019 के बाद से अपने इस विमान में कई बदलाव किए हैं, ताकि विभिन्न देशों के नियामक इसे यात्री उड़ान कार्यों के लिए फिर से अनुमति दें. बता दें कि वर्तमान में भारत में केवल स्पाइसजेट एयरलाइंस के पास ही बोइंग 737 मैक्स जेट विमान है.
इन देशों ने भी लगाया था बैन
इथियोपिया, अमेरिका, भारत, ब्रिटेन, चीन, इंडोनेशिया, सिंगापुर समेत कई देशों ने इस बोइंग मॉडल के उड़ान भरने से रोक लगा दी थी. हालांकि बाद में जांच के बाद कई देशों ने फिर से उड़ान की इजाजत दे दी थी. बीते साल नवंबर में अमेरिका ने भी बैन हटा लिया था.
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