सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमटेड (सीआईएल) ने 04 फरवरी 2021 को कहा कि उसने कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने और परिचालन दक्षता तथा लाभ बढ़ाने के मकसद से एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमटेड (ईईएसएल) के साथ समझौता किया है.
सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनी ने एक बयान में कहा कि कोल इंडिया लिमटेड (सीआईएल) ने ऊर्जा दक्षता और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने हेतु संसाधनों के संरक्षण को लेकर ईईएसएल के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं.
मुख्य बिंदु
इस समझौता से बिजली मंत्रालय के उपक्रमों का संयुक्त उद्यम ईईएसएल, कोल इंडिया को 460 करोड़ यूनिट ऊर्जा की सालाना खपत में 10 से 15 प्रतिशत की कमी लाने में मदद करेगी.
ईईएसएल कंपनी को विभिन्न प्रक्रियाओं में ऊर्जा दक्षता में सुधार लाने के साथ उसकी अनुषंगी इकाइयों की परिचालन दक्षता में सुधार लाने में मदद करेगी. कुल मिलाकर ईईएसएल कंपनी के शुरूआती निवेश के बिना लागत में कमी लाने में मदद करेगी.
कोल इंडिया और ईईएसएल ऊर्जा दक्षता, इलेक्ट्रिक वाहनों को किराये पर लेने समेत चार्जिंग स्टेशन लगाने, सौर बिजली उत्पादन, हरित इमारत, स्मार्ट ऊर्जा समाधान आदि में कारोबार अवसर टटोलेंगी.
कोल इंडिया में विभिन्न स्तर पर स्थापित ऊर्जा स्रोतों से कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी या फिर पूर्ण उन्मूलन के प्रयासों को तेज़ किया जा रहा है.
कोल इंडिया के निदेशक (वित्त) संजीव सोनी तथा ईईएसएल की तरफ से निदेशक - परियोजना और व्यवसाय विकास वेंकटेश द्विवेदी ने हस्ताक्षर किये.
जनवरी के उत्पादन से 4.1 प्रतिशत कम रहा
कोल इंडिया को चालू वित्तीय वर्ष के कोयला उत्पादन लक्ष्य हासिल करना मुश्किल हो सकता है. जनवरी माह में कोल इंडिया महज 60.5 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर सकी जो बीते साल जनवरी के उत्पादन से 4.1 प्रतिशत कम रहा. चालू साल में 650 मिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने हेतु जूझ रही कोल इंडिया ने चालू वित्तीय वर्ष में जनवरी तक कुल 453.3 मिलियन टन ही कोयले का ही उत्पादन किया है जो बीते साल से 0.4 प्रतिशत ही अधिक है.
कोल इंडिया लिमटेड (सीआईएल) के बारे में
कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) एक भारत का सार्वजनिक प्रतिष्ठान है. यह भारत और विश्व में भी सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी है. यह भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है, जो कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के अधीनस्थ है. यह कोयला खनन एवं उत्पादन में लगी कंपनी है. इसका मुख्यालय कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थित है. कोल इंडिया के प्रमुख उपभोक्ता बिजली और इस्पात क्षेत्र हैं.
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