दक्षिण चीन सागर पर आचार संहिता संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अनुरूप होनी चाहिए: विदेश मंत्री जयशंकर

Aug 5, 2021, 11:50 IST

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) की एक बैठक को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए समूह के विभिन्न सदस्यों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर दृष्टिकोण के बढ़ते अभिसरण पर भी प्रकाश डाला.

Code of Conduct on the South China Sea should be consistent with UN convention: Jaishankar
Code of Conduct on the South China Sea should be consistent with UN convention: Jaishankar

भारत ने 04 अगस्त 2021 को इस बात पर जोर दिया कि दक्षिण चीन सागर पर आचार संहिता पूरी तरह से प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र संधि के अनुरूप होनी चाहिए और इस पर बातचीत से उन देशों के वैध अधिकारों और हितों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए जो चर्चा में शामिल नहीं हैं.

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) की एक बैठक को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए समूह के विभिन्न सदस्यों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर दृष्टिकोण के बढ़ते अभिसरण पर भी प्रकाश डाला.

आसियान पांच सूत्री

ईएएस बैठक में अपने संबोधन में, जयशंकर ने म्यांमार पर "आसियान पांच सूत्री" आम सहमति का भी समर्थन किया और एक विशेष दूत की नियुक्ति का स्वागत किया. विदेश मंत्री ने 04 अगस्त को ब्रिटेन के अपने समकक्ष डोमिनिक राब से भी बात की और द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लिया.

आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की एक बैठक

अलग से, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की एक बैठक को भी संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने सम्पर्क सहित कई मुद्दों को रेखांकित किया तथा कहा कि भारत ‘‘माल समझौते में व्यापार’’ की शीघ्र समीक्षा की प्रतीक्षा कर रहा है.

दक्षिण चीन सागर पर आचार संहिता

विदेश मंत्री जयशंकर ने ईएएस सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ अपनी बैठक के बारे में ट्वीट किया कि इस बात पर जोर दिया कि दक्षिण चीन सागर पर आचार संहिता पूरी तरह से यूएनसीएलओएस 1982 के अनुरूप होनी चाहिए. देशों के वैध अधिकारों और हितों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए.

चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है, जो हाइड्रोकार्बन का एक बड़ा स्रोत है. हालांकि, वियतनाम, फिलीपीन और ब्रुनेई सहित कई आसियान सदस्य देश भी इस पर दावा करते हैं.

रोडमैप 2030 के विभिन्न स्तंभों की समीक्षा की

विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट किया कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के साथ हमारे संबंधों का व्यापक जायजा लिया. रोडमैप 2030 के विभिन्न स्तंभों की समीक्षा की. प्रगति पर गौर किया तथा इसे और आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. रोडमैप 2030 को मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच एक डिजिटल शिखर सम्मेलन में अपनाया गया था.

रोडमैप का उद्देश्य

रोडमैप का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाना और अगले दशक में व्यापार और अर्थव्यवस्था, रक्षा एवं सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग करना है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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