दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस 5 अक्टूबर 2020 को स्वच्छ राष्ट्रीय राजधानी के लिए "युध प्रदुषण के विरुदद्ध" नाम से एक वायु-प्रदूषण विरोधी अभियान शुरू किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि, इस कोविड -19 महामारी के दौरान यह वायु प्रदूषण जीवन के लिए खतरा हो सकता है क्योंकि ये दोनों ही हमारे फेफड़ों को प्रभावित करते हैं.
इस अभियान के तहत, राज्य ने दिल्ली शहर के सभी 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट्स के लिए अलग-अलग योजनायें तैयार की हैं. इस अभियान के फोकस क्षेत्रों में पेड़ों का प्रत्यारोपण, इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाना और धूल नियंत्रण जैसे विभिन्न उपाय शामिल हैं.
वार रूम और ग्रीन दिल्ली ऐप
इस अभियान की शुरुआत करते हुए, दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने यह घोषणा की है कि, वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए सभी प्रदूषण-विरोधी उपायों की निगरानी के लिए दिल्ली में एक "वॉर रूम" बनाया जा रहा है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि "ग्रीन दिल्ली" नामक एक मोबाइल ऐप का भी विकास किया जा रहा है, जो लोगों के द्वारा प्रदूषण पैदा करने वाली गतिविधियों को दिल्ली सरकार के ध्यान में लाने में मदद करेगा. ये गतिविधियां कचरा जलाने, औद्योगिक प्रदूषण आदि से संबंधित हो सकती हैं. इन शिकायतों को दी गई समय-सीमा में निपटाया जाएगा और मुख्यमंत्री को निपटाई गई और लंबित शिकायतों की एक दैनिक रिपोर्ट दी जायेगी.
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने जारी किए हैं अन्य निर्देश
संबंधित विभागों को धूल के उत्सर्जन को कम करने के लिए गड्ढों को भरने के लिए कहा गया है, जिसकी वजह से दिल्ली में काफी वायु प्रदूषण में होता है.
धूल प्रदूषण की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित टीमें निर्माण स्थलों का लगातार निरीक्षण कर रही हैं.
दिल्ली के 300 किमी के दायरे में 11 थर्मल पावर प्लांट हैं; इन प्लांट्स को अपने उत्सर्जन को कम करना होगा.
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