केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक तेल एवं गैस उत्पादन फील्ड को 20 दिसंबर 2020 को देश को समर्पित किया. यह राज्य में पहला तेल एवं गैस रिजर्व है. पेट्रोलियम मंत्री प्रधान ने कहा कि कोलकाता से लगभग 47 किलोमीटर दूर स्थित पेट्रोलियम रिजर्व से उत्पादन शुरू हो गया है और निकाले जा रहे तेल को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) की हल्दिया रिफाइनरी भेजा जा रहा है.
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने परियोजना का उद्घाटन करने के बाद कहा कि अशोकनगर तेल एवं गैस रिजर्व से उत्पादन शुरू होने के साथ ही पश्चिम बंगाल भी उन राज्यों में शामिल हो गया है जहां तेल निकाला जाता है. राज्य में तेल एवं गैस का पहला रिजर्व साल 2018 में खोजा गया था.
हाइड्रोकार्बन उत्पादन में 72 फीसदी योगदान
ओएनजीसी ने भारत की आठ प्रोड्यूसिंग बेसिन की खोज के बाद सात में उत्पादन शुरू कर दिया है, जो भारत के तेल व गैस रिजर्व के 83 प्रतिशत हिस्से को कवर करता है. ओएनजीसी, जो देश का सबसे बड़ा तेल व गैस उत्पादक है. वह देश के हाइड्रोकार्बन उत्पादन में 72 प्रतिशत योगदान करता है.
मुख्य बिंदु
• पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि महानदी-बंगाल-अंडमान (एमबीए) बेसिन के अंतर्गत आने वाला अशोकनगर फील्ड व्यावसायिक रूप से व्यावहारिक साबित हुआ है.
• उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी (पीएसयू) ओएनजीसी ने अशोकनगर तेल क्षेत्र की खोज के लिए 3,381 करोड़ रुपये खर्च किए थे.
• उन्होंने कहा कि कंपनी ओपन एक्रियेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएलएपी) के तहत दो और कुओं की खोज करेगी.
• पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अशोकनगर रिजर्व में खोजा गया कच्चा तेल उच्च गुणवत्ता का है.
• उन्होंने कहा कि तेल क्षेत्र से वाणिज्यिक उत्पादन होने से पश्चिम बंगाल के राजस्व में वृद्धि होगी और राज्य में रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे.
A momentous day for Bengal. Dedication of @ONGC_'s 8th producing basin to the nation. https://t.co/qedO35edH6
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) December 20, 2020
अशोकनगर बेसिन: राष्ट्र को समर्पित
धर्मेंद्र प्रधान ने अशोकनगर बेसिन को राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि यह खोज भारत की ऊर्जा सुरक्षा में भूमिका निभायेगी. प्रधानमंत्री के साल 2022 तक तेल आयात को 10 प्रतिशत तक कम करने के आह्वान की दिशा में उठाया गया कदम है. पेट्रोलियम मंत्री प्रधान ने तेल का औपचारिक उत्पादन सकर रॉड पंप का स्विच ऑन करके शुरू किया. उल्लेखनीय है कि पिछले 70 सालों से भारत सरकार देश के विभिन्न प्रांतों में तेल की तलाश कर रही थी. ओएनजीसी ने यह तलाश साठ के दशक से शुरू की थी.
तेल एवं गैस भंडार की खोज 1949 से शुरू
इस बेसिन में तेल एवं गैस भंडार की खोज 1949 में ही शुरू हुई थी. इसमें तेल एवं गैस का बड़ा भंडार है और यह पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित हो सकता है. बंगाल बेसिन करीब 1.22 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और इसका दो-तिहाई हिस्सा बंगाल की खाड़ी में समुद्र के भीतर स्थित है. यह असम अराकान, खंभात और केजी बेसिन से भी बड़ा है. यह राजस्थान बेसिन के लगभग बराबर है.
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