भारत की शीर्ष दवा नियामक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने चिकित्सीय उपकरणों के संबंध में साइबर सुरक्षा जोखिमों/खतरों के संदर्भ में चेतावनी जारी की है. इससे कुछ दिन पूर्व अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने अमेरिकी चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्त्ता मेडट्रॉनिक (Medtronic) द्वारा निर्मित इंसुलिन पंप के कुछ मॉडलों से जुड़ी साइबर सुरक्षा के जोखिमों के बारे में चेतावनी जारी की थी.
दवा नियामक के मुख्य सुझाव
• CDSCO द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार चिकित्सा उपकरण के कुछ मॉडल हैकर्स द्वारा आसानी से हैक किये जा सकते हैं.
• CDSCO ने कहा कि इंसुलिन पंप का मॉडल और सॉफ्टवेयर संस्करण साइबर सुरक्षा जोखिमों/खतरों से प्रभावित है या नहीं, इसकी छानबीन मरीज़ों और उनकी देखभाल करने वालों को अवश्य करनी चाहिए.
• बेहतर साइबर सुरक्षा संरक्षण वाले मॉडल प्राप्त करने के लिये अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से इंसुलिन पंप एवं उपकरणों को नियंत्रण में रखने, पंप क्रमांक नम्बर को मरीज़ों से साझा करने तथा किसी गड़बड़ी के दौरान सूचनाओं, अलार्मों अथवा चेतावनी देने के संदर्भ में बात करना चाहिए.
• नियामक बोर्ड का मानना है कि एक अनधिकृत व्यक्ति अपने तकनीकी कौशल और उपकरणों के सहयोग से सेटिंग्स को बदलने और इंसुलिन डिलीवरी को नियंत्रित करने के लिये किसी नजदीकी इंसुलिन पंप से वायरलेस से जुड़ सकता है.
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO)
• केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अंतर्गत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण (NRA) है. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है.
• देश भर में इसके छह ज़ोनल कार्यालय, चार सब-ज़ोनल कार्यालय, तेरह पोर्ट ऑफिस और सात प्रयोगशालाएँ हैं.
• इसका उद्देश्य भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना और उसे बढ़ावा देना है.
• इसका प्रमुख मिशन दवाओं, सौंदर्य प्रसाधन और चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता बढ़ाकर सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा तय करना है.
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