महाराष्ट्र में सामने आया जीका वायरस का पहला मामला, केंद्र ने भेजी उच्च स्तरीय टीम

Aug 3, 2021, 16:30 IST

केंद्र सरकार ने जीका वायरस की स्थिति की निगरानी के लिए उच्च स्तरीय टीम को महाराष्ट्र भेजा है. यह टीम राज्य के स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करने वाली है. 

First Zika virus case in Maharashtra reported
First Zika virus case in Maharashtra reported

महाराष्ट्र में जीका वायरस का पहला मामला सामने आया है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने 30 जुलाई 2021 को इस बारे में जानकारी दी. विभाग ने बताया पुरंदर तहसील के बेलसर गांव में रहने वाली 50 साल की एक महिला की टेस्ट रिपोर्ट 29 जुलाई 2021 को सामने आई थी. रिपोर्ट के अनुसार, वह जीका संक्रमण के अलावा चिकनगुनिया से भी पीड़ित थी.

कोरोना की दूसरी लहर से अभी थोड़ी राहत मिलना शुरू ही हुई थी कि जीका वायरस ने सभी की चिंता को बढ़ा दिया है. जीका वायरस देश में अपने पैर धीरे-धीरे पसारता जा रहा हैं. जीका वायरस के मामलें केरल में देखने को मिल रहे थे, मगर अब महाराष्ट्र में भी इसका पहला मामला मिला है.

केंद्र ने भेजी उच्च स्तरीय टीम

केंद्र सरकार ने जीका वायरस की स्थिति की निगरानी के लिए उच्च स्तरीय टीम को महाराष्ट्र भेजा है. यह टीम राज्य के स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करने वाली है. स्थानिय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निवासियों को जागरूक करना और ना घबाराने की अपील की है.

जीका वायरस के मामले केरल में भी

जीका वायरस के सबसे अधिक मामले केरल से सामने आए है, जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने कई जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने 31 जुलाई 2021 को बताया था कि राज्य में दो और लोगों में जीका वायरस हो गया है, जिससे केरल में कुल संक्रमितों की संख्या 63 हो गई.

जीका वायरस क्या है?

जीका वायरस एक मच्छर होता है जिसे एडीज नाम से जाना जाता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक जीका वायरस के एडीज मच्छर दिन के समय में काटते हैं. इस वायरस से आम लोगों को कोई गंभीर दिक्कतें नहीं होती, मगर प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए यह वायरस खतरनाक साबित हो सकता है. मरीजों में बुखार, शरीर दर्द व आंख के संक्रमित होने की समस्या हो सकती है.

जीका वायरस से कैसे बचा जा सकता है?

इस वायरस का कोई इजाल नहीं हैं. इससे बच कर ही जीका वायरस को मात दिया जा सकता है. जैसे कीटनाशकों का उपयोग, पूरी बाजू के कपड़े पहनना और खिड़कियों व दरवाजों को बंद रख कर इसे मात दिया जा सकता है.

जीका वायरस को पहली बार कब पहचाना गया

जीका वायरस को साल 1947 में पहली बार युगांडा के बंदरों में पहचाना गया था. फिर बाद में इसे साल 1952 में युगांडा और संयुक्त गणराज्य तंजानिया के लोगों में पाया गया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चेतावनी के अनुसार, लक्षण आमतौर पर दो से सात दिनों के बीच रहते हैं.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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